
अमेरिका के 'मदर ऑफ ऑल बम' और रूस के 'फादर ऑफ ऑल बम' बनाने के दावे के बाद चीन ने भी 'मदर ऑफ ऑल बम' बनाने का दावा किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन का दावा है कि उसके द्वारा तैयार किए गए सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम 'मदर ऑफ ऑल बम' अमेरिका के 'मदर ऑफ ऑल बम' का जवाब है.
'द डेली' के मुताबिक संस्करण के रूप में तैयार इस बम की विनाशकारी क्षमता के कारण इसका नाम 'मदर ऑफ ऑल बम' दिया गया है, दावा है यह परमाणु हथियारों के बाद दूसरा सबसे ज्यादा घातक हथियार है. जानकारी के मुताबिक इससे होने वाली तबाही लगभग परमाणु बम जैसी ही होगी.
इस बेहद घातक बम को H-6K एयरक्राफ्ट से गिराया गया, जिसके कारण एक विशाल विस्फोट हुआ. चीन ने नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NORINCO) की वेबसाइट पर दिसंबर के अंत में एक वीडियो जारी कर इसकी सूचना दी. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक यह पहली बार है जब सार्वजनिक रूप से किसी नए बम की विनाशकारी शक्तियों को दिखाया गया हो.
बता दें कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में ISIS के खिलाफ पहली बार दुनिया के सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम GBU-43 का इस्तेमाल किया था. इस बम को 'मदर ऑफ ऑल बम' भी कहा गया. यह इतना घातक है कि इस बम के गिराए जाने पर सवा 3 किलोमीटर के दायरे में आने वाली हर चीज तबाह हो सकती है. वहीं, अमेरिका के बाद रूस ने भी दुनिया का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम बनाने का दावा करते हुए उसे 'फादर ऑफ ऑल बम' नाम दिया. रूस का दावा था कि यह बम अमेरिका के मदर ऑफ ऑल बम से करीब चार गुणा ज्यादा खतरनाक है.
चीन द्वारा तैयार किया गया यह बम अमेरिकी 'मदर ऑफ ऑल बम' के मुकाबले आकार में छोटा और हल्का है. जानकारी के मुताबिक इसकी लंबाई 5 से 6 मीटर है. बाधाओं से घिरे जंगली इलाकों में हेलिकॉप्टर से नीचे उतरने वाले सैनिकों के लिए एक लैंडिंग जोन बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.