
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्विटजरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक सम्मेलन का उद्घाषण भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने आतकंवाद, जलवायु परिवर्तन और संरक्षणवाद को दुनिया के सामने तीन सबसे बड़ी चुनौती बताया. पीएम मोदी के दावोस में बयान की दुनियाभर में चर्चा है. यहां तक कि भारत के पड़ोसी प्रतिद्वंदी चीन ने भी पीएम के बयान की तारीफ की है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संरक्षणवाद के खिलाफ दिया बयान सुना है. हुआ ने कहा, 'पीएम मोदी का बयान दर्शाता है कि मौजूदा वक्त में ग्लोबलाइजेश दुनिया का ट्रेंड बन गया है. इससे विकासशील देशों समेत सभी मुल्कों को लाभ पहुंचता है. संरक्षणवाद के खिलाफ लड़ने और ग्लोबलाइजेशन को बढ़ावा देने में भारत और चीन के बीच काफी समानता है.'
दरअसल, पीएम मोदी ने कहा था कि ग्लोबलाइजेशन के मायने बदल रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा था, 'ग्लोबलाइजेशन अपने नाम के विपरीत सिकुड़ता चला जा रहा है. मैं यह देखता हूं कि बहुत से समाज और देश ज्यादा से ज्यादा आत्मकेंद्रित होते जा रहे हैं.'
उन्होंने कहा था कि संरक्षणवाद यानी दुनिया के लिए अपने दरवाजे बंद करने की नीति का नया चलन आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन से कम खतरनाक नहीं है.
पीएम मोदी के इसी बयान का समर्थन करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत समेत दुनिया के सभी देशों के साथ समन्वय बढ़ाने का आह्वान किया है. साथ ही दुनिया की आर्थिक ग्रोथ बढ़ाने के लिए आर्थिक ग्लोबलाइजेशन को बढ़ावा देने की बात कही.
WEF के मंच पर मोदी ने बताई दुनिया के सामने क्या है 3 बड़ी चुनौतियां