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भारत-पाकिस्तान के बीच में आ रहा है चीन, बोला- हम चाहते हैं रिश्ते सुधारना

गौरतलब है कि 20 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खान को एक पत्र भेज कर इस बात से अवगत कराया था कि पाकिस्तान के साथ भारत रचनात्मक और सार्थक वार्ता की उम्मीद करता है.

नरेंद्र मोदी, इमरान खान (फाइल फोटो) नरेंद्र मोदी, इमरान खान (फाइल फोटो)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 10:25 AM IST

पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद सभी की नज़रें इस बात पर हैं कि अब भारत-पाकिस्तान के रिश्ते किस तरह आगे बढ़ेंगे. इन अटकलों के बीच चीन ने कहा है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सहज बनाने के लिए एक रचनात्मक भूमिका निभाने का इच्छुक है.

चीन ने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान की ‘सकारात्मक’ टिप्पणियों का भी स्वागत किया है.

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समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है. खान के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री का पद भार संभालने के बाद दोनों नेताओं द्वारा जारी किए गए बयानों पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में लु ने कहा, ‘‘हमने संबद्ध खबरों पर गौर किया है और हम द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने पर भारत और पाकिस्तान के नेताओं की सकारात्मक टिप्पणियों का स्वागत करते हैं. ’’

लु ने कहा, ‘‘दक्षिण एशिया में पाकिस्तान और भारत, दोनों ही महत्वपूर्ण देश हैं. पाकिस्तान और भारत के एक साझा पड़ोसी होने के नाते चीन दोनों पक्षों द्वारा वार्ता के जरिए पारस्परिक विश्वास बढ़ाने और अपने मतभेदों को उचित तरीके से दूर करने का दृढ़ता से समर्थन करता है.’’

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उन्होंने कहा, ‘‘चीन को उम्मीद है कि दोनों देश क्षेत्रीय शांति एवं विकास के प्रति संयुक्त रूप से प्रतिबद्ध बने रह सकते हैं.’’ चीनी प्रवक्ता ने कहा, ‘‘चीन इस सिलसिले में एक रचनात्मक भूमिका निभाने को इच्छुक है. ’’

वहीं, इमरान खान ने एक ट्वीट में भारत - पाकिस्तान के बीच रूकी पड़ी शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की इच्छा जाहिर की और कहा कि दोनों देशों को कश्मीर मुद्दा सहित अपने मतभेदों को वार्ता के जरिए अवश्य दूर करना चाहिए तथा व्यापार शुरू करना चाहिए.

यह पूछे जाने पर कि चीन के सकारात्मक भूमिका निभाने से उनका क्या मतलब है. इस पर, लु ने कहा कि भारत और पाकिस्तान द्वारा सकारात्मक टिप्पणियां किए जाने और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के लिए उनकी सभी कोशिशों को देख कर उन्हें अच्छा लगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम इसका स्वागत करते हैं, हम इस सिलसिले में एक रचनात्मक भूमिका निभाएंगे.’’

वहीं, यह पूछे जाने पर कि क्या उनका मतलब यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच चीन मध्यस्थता करना चाहता है, प्रवक्ता ने कहा, ‘‘मैं आपको इस बारे में एक पूर्व निर्णय या कोई पहलू और किस क्षेत्र में हम काम करेंगे, उसे नहीं बता सकता. मैं अपको ऐसा कोई पूर्व निर्णय नहीं दे सकता.’’

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बहरहाल, भारत का यह कहना रहा है कि वह पाकिस्तान से सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता करने को तैयार है, जिसमें चीन सहित किसी अन्य राष्ट्र का कोई हस्तक्षेप नहीं हो.

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