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चीन का आधार: क्रेडिट रेटिंग से तय होता है- मिलेगी सजा या इनाम?

इस सिस्टम को एक तरह का सोशल क्रेडिट सिस्टम कहा जा रहा है, जो कि 2020 तक पूरा हो जाएगा. इसके तहत सभी नागरिकों को उनके आर्थिक व्यवहार के आधार पर रेटिंग दी जाएगी. जिसमें कुछ रिवॉर्ड्स हैं तो वहीं कुछ सजा भी हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अनंत कृष्णन
  • बीजिंग,
  • 02 मई 2018,
  • अपडेटेड 9:13 AM IST

एक तरफ जहां भारत में आधार कार्ड को लेकर काफी बहस चल रही है. वहीं दूसरी तरफ चीन एक ऐसे सिस्टम पर काम कर रहा है जो शायद दुनिया का सबसे बड़ा पहचान का डेटाबेस है. जिसमें चीन की पूरी जनसंख्या यानी 140 करोड़ लोग कवर होंगे.

इस सिस्टम को एक तरह का सोशल क्रेडिट सिस्टम कहा जा रहा है, जो कि 2020 तक पूरा हो जाएगा. इसके तहत सभी नागरिकों को उनके आर्थिक व्यवहार के आधार पर रेटिंग दी जाएगी. जिसमें कुछ रिवॉर्ड्स हैं तो वहीं कुछ सजा भी हैं. अभी यह सिर्फ आर्थिक व्यवहार के आधार पर रेटिंग कर रहा है, लेकिन जल्द ही इसके अंतर्गत सोशल मीडिया पर व्यवहार से जुड़े अन्य फैक्टरों को भी जोड़ा जा सकता है.

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चीन में यह सिस्टम 2014 से काम कर रहा है, लेकिन 2020 तक इसके तहत पूरी जनसंख्या कवर हो जाएगी. वहीं खराब रेटिंग वालों को ब्लैकलिस्ट भी किया जा रहा है. अभी तक क्या हुआ असर...

- अभी तक के आंकड़ों को मानें तो करीब 9 मिलियन (90 लाख) लोगों को खराब रेटिंग मिली है. इन्हें ये खराब रेटिंग उनके कोर्ट केस या डिफॉल्ट के आधार पर मिली है. खराब रेटिंग वालों के एअर टिकट लेने पर पाबंदी लगा दी गई है.

- इसके अलावा करीब 3 मिलियन (30 लाख) लोगों को खराब क्रेडिट परफॉर्मेंस के आधार पर ही ट्रेन की टिकट लेने से भी बैन कर दिया गया.

हालांकि, अभी ये सिर्फ एक तरह की शुरुआत ही है. चीन में जिस तरह ऑनलाइन पेमेंट में तेजी आ रही है और वी-चैट, अलीबाबा का विस्तार हो रहा है. उसी कारण कई करोड़ लोगों का डेटा ऑनलाइन उपलब्ध है और आसानी से क्रेडिट रिकॉर्ड ट्रैक हो जाता है. चीन का अगला लक्ष्य सभी नागरिकों को रेटिंग सिस्टम के तहत लाना है.

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चीन में इस सिस्टम को लेकर कई तरह की राय सामने आई हैं. सरकार का कहना है कि इस सिस्टम से लोगों को फायदा होगा और बैंक लोन, हाउस लोन लेने में भी काफी मदद करेगा. तो वहीं कई स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया है कि सरकार आम आदमी के खर्च पर भी नज़र रख रही है.

इसके अलावा कई ऐसे मामले भी हैं जो चौंकाने वाले हैं. चीन के शहर शानडोंग में कुछ स्कूल ने बच्चों को इसी आधार पर एडमिशन नहीं दिया, क्योंकि उनके अभिभावकों की क्रेडिट रेटिंग खराब है. इसके अलावा इस सिस्टम को इतना अपग्रेड किया जा रहा है कि अगर आप कोई ट्रैफिक नियम को तोड़ते हैं, तो आपकी क्रेडिट रेटिंग पर फर्क पड़ेगा.

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