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आमने-सामने आए 'आयरन ब्रदर्स' चीन-पाकिस्तान, भारत के साथ आया ड्रैगन

मंगलवार को चीन ने तुर्की को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि तुर्की को सीरिया की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए. तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग सुआंग ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि तुर्की को इस समस्या का राजनीतिक और कूटनीतिक समाधान ढूंढ़ना चाहिए, इसके लिए उसे UN चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सहारा लेना चाहिए.

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फोटो-Twitter) चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फोटो-Twitter)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 11:03 AM IST

  • आयरन ब्रदर्स चीन-पाकिस्तान आमने सामने
  • तुर्की के मुद्दे पर हुआ टकराव
  • तुर्की के खिलाफ बीजिंग, समर्थन में इस्लामाबाद
चीन और पाकिस्तान अपनी दोस्ती की दुहाई देते हैं, और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने संबंधों को सदाबहार रिश्ता करार देते हैं. दोनों देश एक दूसरे को आयरन ब्रदर्स कहते हैं. हालांकि इस दोस्ती के पीछे कूटनीतिक स्वार्थ और हित छिपा हुआ है जो गाहे-बगाहे सामने आ जाता है. सीरिया पर तुर्की की ओर से किए गए हमले के मुद्दे पर चीन-पाकिस्तान की दोस्ती में दरार आ गई है. पाकिस्तान इस मुद्दे पर तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन के साथ खड़ा है तो चीन ने तुर्की को दो टूक कहा है कि वो तुर्की में कुर्द लड़ाकों के खिलाफ हमला तुरंत रोके.

तुर्की को चीन की खरी-खरी

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मंगलवार को चीन ने तुर्की को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि तुर्की को सीरिया की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए. तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग सुआंग ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि तुर्की को इस समस्या का राजनीतिक और कूटनीतिक समाधान ढूंढ़ना चाहिए, इसके लिए उसे UN चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सहारा लेना चाहिए. चीन ने कहा कि वे तुर्की से अपील करते हैं कि वो अपनी सैन्य कार्रवाई तुरंत रोके और इस मसले का राजनीतिक समाधान खोजे.

इसे भी पढ़ें: तुर्की को सबक सिखाने को कुर्द लड़ाकों की सीरिया से डील

चीन ने कहा कि सीरिया में हालत खराब है और चीन की सैन्य कार्रवाई से वहां छिपे आतंकी आस-पास के इलाकों में भाग सकते हैं, इसके अलावा आतंकी संगठन ISIS को फिर से मजबूत होने का मौका मिल सकता है.

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आखिर चीन को किस बात का है डर

दरअसल चीन को डर है कि तुर्की के एक्शन से बड़े पैमाने पर ISIS आतंकी वहां से भागेंगे. कहा जाता है कि ISIS आतंकियों का एक बड़ा हिस्सा चीन के उइगर प्रांत के मुस्लिम समुदाय के लोग हैं. चीन के जियांगजिंग प्रांत में चीन ने उइगर मुसलमानों के खिलाफ अभियान चला रखा है. बीजिंग को लगता है कि अगर ये आतंकी सीरिया से यहां आ गए फिर से जियांगजिंग में हिंसा भड़क सकती है. चीन जियांगजिंग में अलगाववादी संगठन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी की सैन्य कार्रवाई के बाद इस इलाके में पिछले कुछ सालों से शांति है.

तुर्की के समर्थन में है पाकिस्तान

चीन ने भले ही अपने हितों का ख्याल करते हुए तुर्की को सीरिया में अपना सैन्य अभियान रोकने को कहा है. लेकिन चीन का कथित आयरन ब्रदर्स पाकिस्तान ने इस मामले में तुर्की का समर्थन किया है. दरअसल पाकिस्तान सीरिया पर तुर्की की सैन्य कार्रवाई का समर्थन कर, तुर्की द्वारा कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करने की कीमत चुका रहा है. जल्द ही तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन इस्लामाबाद दौरे पर आने वाले हैं. पिछले शुक्रवार को इमरान खान ने एर्दोगन को फोन कर सीरिया के मुद्दे पर तुर्की की कार्रवाई का समर्थन किया था.

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सीरिया के मुद्दे पर भारत और चीन का रुख समान

यहां ये बताना अहम है कि सीरिया पर हमले के मुद्दे पर चीन और भारत का कूटनीतिक स्टैंड एक जैसा है. भारत ने भी पिछले सप्ताह तुर्की की एकतरफा सैन्य कार्रवाई की निंदा की थी और अपनी चिंता जताई थी. भारत ने कहा था कि तुर्की के इस कदम से इस इलाके में अस्थिरता आ सकती है.

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