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मसूद और NSG में भारत की एंट्री पर पुराने रुख पर कायम ड्रैगन

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने मीडिया ब्रीफिंग में ये जानकारी दी. जब उनसे भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर के बयान के बारे में पूछा गया, तो जेंग ने कहा कि मसूद अजहर और एनएसजी को लेकर भारत के प्रति चीन अपने रुख पर कायम है. इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.

पीएम मोदी और शी जिनपिंग पीएम मोदी और शी जिनपिंग
अंजलि कर्मकार
  • बीजिंग,
  • 12 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST

चीन ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकी मसूद अजहर पर बैन लगाने के भारत की कोशिशों को समर्थन देने से एक बार फिर इनकार कर दिया है. चीन का कहना है कि वह मसूद अजहर के मामले में अपना रुख नहीं बदलेगा. यही नहीं, चीन फिलहाल न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत की एंट्री पर भी अपने रवैये को बदलने के मूड में नहीं है.

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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने मीडिया ब्रीफिंग में ये जानकारी दी. जब उनसे भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर के बयान के बारे में पूछा गया, तो जेंग ने कहा कि मसूद अजहर और एनएसजी को लेकर भारत के प्रति चीन अपने रुख पर कायम है. इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एप्लिकेशन देकर एनएसजी और मसूद अजहर के मामले में दोनों पक्षों के बीच 'तर्कसंगत और व्यावहारिक' बातचीत की वकालत की थी. लेकिन, तब चीन एनएसजी में भारत की एंट्री के खिलाफ था. चीन का तर्क था कि अगर भारत को एनएसजी में एंट्री मिलती है, तो पाकिस्तान को भी मिलनी चाहिए. चीन ने एनएसजी में भारत की एंट्री के दावे को इस आधार पर रिजेक्ट कर दिया था कि भारत ने एनपीटी पर साइन नहीं किए हैं. ऐसे में उसे एनएसजी में शामिल नहीं किया जा सकता.

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इसके पहले जब चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ से यू पूछा गया कि चीन के इस फॉर्मूले का उद्देश्य भारत के साथ पाकिस्तान की सदस्यता पर जोर देना है, तो उन्होंने कहा, ‘आप भारत की खबर की बात कर रहे हैं. मैं जो कह रही हूं वह महानिदेशक वांग कुन ने कहा है. चीन ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले किसी देश विशेष के प्रवेश पर कोई स्थिति तय नहीं की है. इसलिए पहले सभी गैर-एनपीटी देशों को शामिल करने को लेकर प्रस्ताव होना चाहिए, फिर किसी विशेष गैर-एनपीटी देश के प्रवेश के संबंध में.’

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