
गृहमंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक जैश-ए मोहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर के मसले को चीन अभी होल्ड पर रख सकता है. सूत्रों का दावा है कि मसूद के खिलाफ यूएन के प्रस्ताव पर फैसला लेने में चीन तीन महीने का वक्त ले सकता है.
इससे पहले बुधवार को खबर आई थी कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने वाली लंबित अर्जी पर समीक्षा के वक्त फैसला लेने की बात कही है. बता दें कि अजहर की नापाक हरकते दुनिया में जगजाहिर हैं. बावजूद इसके चीन अभी तक उसे आंतकवादी मानने पर मुहर नहीं लगा रहा है.
चीन विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन समय आने पर फैसला लेगा. जबकि इस साल की शुरुआत में चीन ने इस अर्जी पर तकनीकी रूप से छह महीने के लिए रोक लगाई थी. विदेश मंत्रालय को इस अर्जी की जल्द ही समीक्षा होने की उम्मीद है.मंत्रालय ने पहले एक लिखित जवाब में कहा था कि हमने कई बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति को चीन के रूख से अवगत कराया है.
चीन यह कहकर भारत के कदम का विरोध कर रहा है कि यूएनएससी 1267 में कोई सहमति नहीं है. यूएनएससी 1267 आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं पर वैश्विक प्रतिबंध लगाती है. जैश-ए-मोहम्मद पहले ही प्रतिबंधित सूची में है. भारत ने गत वर्ष मार्च में संयुक्त राष्ट्र में अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा था. दरअसल भारत पठानकोट आतंकवादी हमले का अजहर को मास्टरमाइंड मानता है.