
चीन ने कहा कि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं करने वाले किसी देश को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल करने को लेकर उसने अभी अपनी स्थिति तय नहीं की है. चीन ने ही लगभग ढाई महीने पहले भारत की एनएसजी में एंट्री की कोशिशों में अड़ंगा लगाया था.
चीन ने इस बारे में पूछे गए सवाल सीधा जवाब नहीं दिया कि क्या नए सदस्य देशों को एनएसजी में शामिल करने के लिए उसके दो स्तरीय फॉर्मूला का मकसद भारत के साथ पाकिस्तान के मामले को आगे बढ़ाना है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने 48 सदस्यीय एनएसजी में भारत के प्रवेश पर दोनों देशों के बीच बातचीत के मंगलवार को हुए पहले दौर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत और चीन समूह में किसी देश विशेष के शामिल होने को लेकर अभी सहमति पर नहीं पहुंचे हैं.
दिल्ली में हुई भारत-चीन के डेलीगेशन की बात
मंगलवार को चीन शस्त्र नियंत्रण विभाग के महानिदेशक वांग कुन की अध्यक्षता में चीनी प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा) अमनदीप सिंह गिल के
नेतृत्व वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की. बातचीत के दौरान चीन ने एनपीटी पर साइन नहीं वाले नए सदस्यों की एंट्री के लिए दो स्तरीय प्रणाली का प्रस्ताव दिया, जो उसके मुताबिक एनएसजी में शामिल होने
के लिए जरूरी है.
पाकिस्तान को लेकर दिया गोलमोल जवाब
जब चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ से यू पूछा गया कि चीन के इस फॉर्मूले का उद्देश्य भारत के साथ पाकिस्तान की सदस्यता पर जोर देना है, तो उन्होंने कहा, ‘आप भारत की खबर की बात कर रहे हैं. मैं जो
कह रही हूं वह महानिदेशक वांग कुन ने कहा है. चीन ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले किसी देश विशेष के प्रवेश पर कोई स्थिति तय नहीं की है. इसलिए पहले सभी गैर-एनपीटी देशों को शामिल करने को लेकर
प्रस्ताव होना चाहिए, फिर किसी विशेष गैर-एनपीटी देश के प्रवेश के संबंध में.’
अगले दौर की बातचीत बीजिंग में होगी
हुआ ने कहा, ‘किसी विशेष गैर-एनपीटी देश पर चीन ने अभी अपनी स्थिति तय नहीं की है. लेकिन हम एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों को शामिल करने पर एनएसजी के साथ विचार-विमर्श करना चाहते हैं.
एक दिन पहले हुई बातचीत के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘चीन इस सवाल पर ध्यान देने के लिए समूह के अंदर दो-स्तरीय प्रक्रिया के विचार का समर्थन करता है. जिसमें पहले स्तर पर एनपीटी पर
दस्तखत नहीं करने वाले सभी देशों के लिए बिना भेदभाव वाले फॉर्मूला को तलाशना और उस पर सहमति पर पहुंचना और दूसरे स्तर पर किसी देश विशेष की सदस्यता के मुद्दों को देखना है. चीन ने अपनी ओर से
समूह के अंदर इस सिस्टम में सक्रिय भागीदारी के लिए तैयार होने की बात कही.’
हुआ ने कहा कि इस मुद्दे पर भारत और चीन के अधिकारियों की अगले दौर की बातचीत बीजिंग में होगी.