
अमेरिका द्वारा भारत को सबसे भरोसेमंद साझेदार और चीन की नीतियों को भड़काऊ बताने को लेकर चीन भड़क गया है. चीन ने अमेरिका की नीति को पक्षपातपूर्ण और पूरे संदर्भ में नहीं देखने वाला बताया है. गौरतलब है कि अमेरिकी विदेशमंत्री रैक्स टिलरसन ने भारत-PAK नीति की घोषणा करते हुए भारत को सबसे भरोसेमंद साझेदार बताया था. साथ ही चीन और पाकिस्तान को खूब खरी-खोटी सुनाई थी.
अमेरिकी विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्री की प्रवक्ता लिउ कांग ने कहा- अमेरिका को चीन के विकास और विश्व व्यवस्था में चीन की सकारात्मक भूमिका को पूरे संदर्भ में देखकर बात करनी चाहिए. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका को चीन के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैये से बाहर आकर सहयोग पर फोकस करना चाहिए. गतिरोधों को खत्म करना चाहिए और साथ ही चीन-अमेरिका रिश्तों में सुधार के लिए काम करना चाहिए.
लेकिन... अपने हितों का नुकसान नहीं
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि चीन यूएन चार्टर के मुताबिक वैश्विक मामलों पर पूरी तरह प्रतिबद्ध है. हालांकि, चीन दूसरे देशों के हितों के मद्देनजर अपने हितों को नुकसान नहीं पहुंचने दे सकता. और ना ही चीन अपने वैधानिक हितों और अधिकारों को किसी को नुकसाम पहुंचाने दे सकता है.
अमेरिका-भारत रिश्तों पर क्या कहा
भारत और अमेरिका के बीच मजबूत होते संबंधों पर लिउ ने कहा- भारत और अमेरिका के बीच दो देशों के स्तर पर रिश्तों में सुधार का मामला हो या दुनिया के किन्ही दो देशों के बीच क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सहयोग के रिश्तों का चीन स्वागत करता है.
अगले माह चीन दौरे पर जाएंगे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले माह चीन के दौरे पर पहुंच रहे हैं. 8 नवंबर को ट्रंप चीन के दौरे पर आएंगे. वे जापान, दक्षिण कोरिया भी जाएंगे. फिलीपिंस और वियतनाम में क्षेत्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
क्या कहा था टिलरसन ने?
अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरस ने कहा था कि अमेरिका अनिश्चितता और चिंता के इस दौर में विश्व मंच पर भारत का भरोसेमंद साझेदार है. इसी के साथ उन्होंने इस क्षेत्र में चीन के भड़काऊ कृत्यों के बीच अमेरिका के भारत के साथ खड़ा होने का मजबूत संकेत दिया. टिलरसन ने एक महत्वपूर्ण भारत नीति भाषण में चीन के उदय का उल्लेख किया था और कहा कि उसके आचरण एवं कृत्य से सिद्धांतों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए चुनौती पैदा हो रही है.
अगले हफ्ते बतौर विदेश मंत्री हो रही अपनी पहली भारत यात्रा से पहले टिलरसन ने कहा, ‘‘भारत के साथ उभर रहे चीन ने बहुत कम जिम्मेदाराना ढंग से बर्ताव किया है, कई बार उसने अंतरराष्ट्रीय, सिद्धांत आधारित सीमा को धता बताया जबकि भारत जैसे देश एक ऐसे ढांचे के तहत बर्ताव करते हैं जो दूसरे देशों की संप्रभुता की रक्षा करता है.’
उन्होंने कहा, ‘दक्षिण चीन सागर में चीन के भड़काऊ कृत्य से सीधे अंतरराष्ट्रीय कानून और सिद्धांतों को चुनौती मिली जबकि अमेरिका और भारत दोनों ही उसके पक्ष में खड़े रहते हैं.’ टिलरसन ने कहा कि अमेरिका चीन के साथ रचनात्मक संबंध चाहता है, ‘लेकिन अमेरिका वहां पीछे नहीं हटेगा जहां चीन सिद्धांतों पर आधारित सीमा को चुनौती देगा या चीन पड़ोसी देशों की संप्रभुता को खतरे में डालेगा.’’