Advertisement

भारतीय-चीनी सीमा पर जारी है तनाव, LAC पर बढ़ रही चीनी घुसपैठ

चीनी सीमा पर भारतीय सैनिकों को सजग रहने की जरूरत है, क्योंकि उसकी ओर से LAC पर लगातार घुसपैठ हो रही है. उन पर अंकुश लगाने के लिए अपनी तैयारी और पुख्ता करनी होगी.

फाइल फोटो फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST

पिछले साल सिक्किम-भूटान सीमा पर स्थित डोकलाम के मुद्दे पर भारत और चीन के बीच 73 दिन तक जारी गतिरोध के बाद भी दोनों देशों के बीच तनाव कम होने के बजाए और बढ़ा ही है.

अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, साल 2017 में चीन ने लाइन ऑफ एक्चुएल कंट्रोल (LAC) पर 415 बार घुसपैठ की जबकि 2016 में ये आंकड़ा इससे कम यानी 271 बार ही था. इस दौरान साल 2017 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 216 बार आमना-सामना भी हुआ जबकि साल 2016 में 146 बार इस तरह की घटनाएं हुई थीं.

Advertisement

सीमा पर 23 संवेदनशील क्षेत्र

भारतीय सेना की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक एलएसी पर 23 ऐसे खास इलाकों की पहचान की गई है जहां दोनों देशों की सेनाओं के बीच विवाद लगातार होता रहा है. इन इलाकों में लद्दाख के डेमचौक, चुमार, पेंगोंग, स्पांगुर गैप, हिमाचल प्रदेश का कौरिक, उत्तराखंड का बाराहोती, अरुणाचल प्रदेश के नमखा चू, सुमदोरोंग चू, असफिला और दिबांग घाटी जैसे क्षेत्र आते हैं.

डोकलाम विवाद के बाद भारत से लंबी दोस्ती करना चाहता है चीन

2016 में रिटायर हुए चीन में भारत के राजदूत रहे अशोक कांथा जो पिछले 3 दशक से कई मौकों पर सीमा पर बने विवाद के बीच बातचीत का हिस्सा रहे हैं. कांथा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया की घुसपैठ की बढ़ती संख्या ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है. हमें घुसपैठ के पैटर्न को समझने के लिए अलग-अलग आकंड़ों की जरूरत है. हमें यह जानने की जरूरत है कि ये सामान्यतौर पर विवादित क्षेत्रों में हो रहा है या फिर इनमें नए क्षेत्र भी शामिल हैं जहां चीनी सैना घुसपैठ कर रही है. तभी हम घुसपैठ में हो रही बढ़ोतरी के महत्व को समझ पाएंगे.

Advertisement

'सर्विलांस सिस्टम को बेहतर करना होगा'

सैन्य ऑपरेशन के पूर्व महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया कहते हैं, "अगर यह आंकड़े सही हैं, तो इसका मतलब यह हुआ कि एलएसी पर चीन ने अपनी गश्त बढ़ाई है. घुसपैठ की संख्या बढ़ने से भविष्य में क्षेत्र में अमन और शांति बनाए रखना बड़ी चुनौती बन जाएगी."

ड्रैगन की नई चाल, सैटेलाइट फ़ोन के जरिये लद्दाख में जासूसी करा रहा है चीन!

भाटिया बताते हैं कि घुसपैठ में लगातार हो रही बढ़ोतरी से पता चलता है कि हमें जमीनी स्तर पर और गश्त बढ़ाना होगा. लंबे समय से लटके पड़े 73 भारत-चीन बॉर्डर रोड को पूरा करना होगा, साथ ही सर्विलांस सिस्टम को और बेहतर करना होगा.

आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि जून, 2016 के बाद से दोनों के बीच 26 फ्लैंग बैठकें हुई हैं जो कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मिसर्स (सीबीएम) का ही एक हिस्सा है. फ्लैग मीटिंग में दोनों देशों की सेनाओं की ओर से ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी एलएसी पर 5 मनोनीत जगहों पर मिलते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement