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ये हैं भारत में कारोबार कर रही चीनी कंपनियां, 1.98 लाख करोड़ का निवेश

जमीनी हकीकत यह है कि भारत और चीन के बीच कारोबारी रिश्ते बहुत मजबूत हैं. चीनी कंपनियां अगर भारत में कारोबार कर रही हैं तो भारतीय कंपनियां भी चीन में कारोबार कर रही हैं. हमारे कुल विदेशी व्यापार का करीब 10 फीसदी हिस्सा अकेले चीन से होता है.

कई प्लांट में चीनी कंपनियों का है निवेश (फाइल फोटो) कई प्लांट में चीनी कंपनियों का है निवेश (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2020,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST

  • भारत में करीब 100 चीनी कंपनियां कर रहीं कारोबार
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक में है दखल
  • स्मार्टफोन बाजार में चीनी कंपनियों का दबदबा

भारत के कई सेक्टर में चीन की करीब 100 कंपनियां कारोबार कर रही हैं. चीनी कंपनियों के द्वारा भारत में करीब 1.98 लाख करोड़ रुपये का निवेश आने का अनुमान है. आइए भारत में चीनी कंपनियों के कारोबार पर एक नजर डालते हैं.

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गौरतलब है कि भारत-चीन तनाव के बीच देश में चीन विरोधी माहौल चरम पर है. सोशल मीडिया पर तो जबरदस्त अभियान चल रहा है कि चीनी कंपनियों के माल का बहिष्कार किया जाए. आरएसएस से जुड़ा स्वदेशी जागरण मंच यह मांग कर चुका है कि चीनी कंपनियों को भारतीय प्रोजेक्ट्स के ठेके न दिए जाएं.

इसे भी पढ़ें: कोरोना के बीच चीन में होने लगी फार्मा निर्यात रोकने की बात, देश में क्यों नहीं बन सकता API?

मजबूत है कारोबार

लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि भारत और चीन के बीच कारोबारी रिश्ते बहुत मजबूत हैं. चीनी कंपनियां अगर भारत में कारोबार कर रही हैं तो भारतीय कंपनियां भी चीन में कारोबार कर रही हैं. हमारे कुल विदेशी व्यापार का करीब 10 फीसदी हिस्सा अकेले चीन से होता है.

ब्रुकिंग्स इंडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन की कंपनियों द्वारा भारत में कुल निवेश (मौजूदा और नियोजित) करीब 1.98 लाख करोड़ रुपये का है. चीन की कंपनियों ने बड़े पैमाने पर भारतीय स्टार्टअप में निवेश कर रखा है.

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हाल में भारत सरकार ने अपने एफडीआई नीति को सख्त बनाया है और सीमा से सटे देशों से आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को गहराई से छानबीन के बाद इजाजत देने की बात कही है.

ये हैं भारत में कारोबार करने वाली चीनी कंपनियां

करीब 100 चीनी कंपनियों ने भारत में अपने दफ्तर या कारखाने स्थापित किए हैं. भारत में चीनी कंपनियां मुख्यत: इन्फ्रास्ट्रक्चर, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और हार्डवेयर, कंज्यूमर ड्यूरेबल आदि फील्ड में हैं. चीन की कई दिग्गज सरकारी कंपनियों को भारत में मशीनरी और इन्फ्रास्ट्रक्चर के फील्ड में प्रोजेक्ट हासिल हुए हैं. इन कंपनियों में साइनोस्टील, शाउगैंग इंटरनेशनल, बायोशान आयरन ऐंड स्टील लिमिटेड, सैनी हैवी इंडस्ट्री लिमिटेड, चोंगक्विंग लाइफन इंडस्ट्री लिमिटेड, चाइना दोंगफैंग इंटरनेशनल, साइनो हाइड्रो कॉरपोरेशन आदि शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें: चीनी माल का बहिष्कार करेंगे व्यापारी, दिसंबर 2021 तक चीन को देंगे 1 लाख करोड़ का झटका

इसी तरह चीन की कई इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और हार्डवेयर कंपनियां भारत में कारोबार कर रही हैं. इनमें हुवावे टेक्नोलॉजीज, जेटीई, टीसीएल, हायर आदि शामिल हैं. कई चीनी कंपनियां भारत के बिजली क्षेत्र के ईपीसी प्रोजक्ट में लगी हैं. इनमें शंघाई इलेक्ट्रिक, हार्बिन इलेक्ट्रिक, दोंगफैंग इलेक्ट्रिक, शेनयांग इलेक्ट्रिक आदि शामिल हैं.

हाल के वर्षों में देश के स्मार्टफोन बाजार में चीनी कंपनियों ने जबरदस्त सफलता हासिल की है. चीनी कंपनी शाओमी भारत में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन बेचने वाली कंपनी है. इसके अलावा विवो, ओप्पो, रियल मी जैसे ब्रांड का भारतीय स्मार्टफोन बाजार पर कब्जा है. इन सभी कंपनियों की भारतीय बाजार में करीब 65 फीसदी हिस्सेदारी है.

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