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भारत की जासूसी कर रहे हैं चीनी हैकर

2012 से चीन-भारत सीमा विवाद और निर्वासित तिब्बती समूहों के बारे में चीनी हैकर जासूसी कर रहे हैं. अमेरिका आधारित एक साइबर सुरक्षा कंपनी फायर आई ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चीन यात्रा से पहले हैकरों का पता चला. वे लोग अब तक हमले कर रहे हैं.

चीनी हैकर भारत की जासूसी कर रहे हैं. चीनी हैकर भारत की जासूसी कर रहे हैं.
aajtak.in
  • बीजिंग,
  • 21 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 9:11 PM IST

2012 से चीन-भारत सीमा विवाद और निर्वासित तिब्बती समूहों के बारे में चीनी हैकर जासूसी कर रहे हैं. अमेरिका आधारित एक साइबर सुरक्षा कंपनी फायर आई ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चीन यात्रा से पहले हैकरों का पता चला. वे लोग अब तक हमले कर रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले चार साल से इस संगठन ने 100 से अधिक लोगों या संस्थाओं को निशाना बनाया है. इनमें से करीब 70 फीसदी भारत में है. एक अलग चीनी हैकिंग टीम एपीटी-30 दक्षिण पूर्व एशिया और भारत में जासूसी कर रहा है.

चीन ने इस तरह के आरोपों का खंडन किया था. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने फायर आई के आरोपों के जवाब में कहा था, 'मैं इस बात पर जोर देना चाहती हूं कि चीन सरकार सभी तरह के हैकर हमलों पर दृढ़ता से प्रतिबंध लगाए हुए है. उन पर कार्रवाई कर रही है.'

नई रिपोर्ट में कहा गया है कि एपीटी हैकर समूह ने सरकार, राजनयिक और शैक्षणिक संगठनों पर ध्यान केंद्रित हुए तिब्बती कार्यकर्ताओं और दक्षिण एशिया के अन्य लोगों को भी निशाना बनाया है.

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