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भारत की कामयाबी से चिढ़ा चीन, कहा- भारतीय पाखंडी, सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं

चीन के अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' में छपे एडिटोरियल में भारतीयों के लिए आत्मकेंद्रित के अलावा यह भी कहा गया है कि उनमें नैतिकता की कमी है.

अखबार के संपादकीय में भारत को खरी-खरी सुनाई अखबार के संपादकीय में भारत को खरी-खरी सुनाई
प्रियंका झा
  • बीजिंग,
  • 28 जून 2016,
  • अपडेटेड 11:19 PM IST

भारत को मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रीजीम (MTCR) की आधिकारिक सदस्यता मिलने से चीन इतना चिढ़ गया है कि उसने भारतीयों को आत्मकेंद्रित और पाखंडी तक करार दे दिया. बता दें कि भारत सोमवार को MTCR का 35वां सदस्य बना है. इसके बाद चीनी अखबार के संपादकीय में भारतीयों को आत्मकेंद्रित बताया है.

चीन को अभी तक MTCR का सदस्य नहीं बनाया गया है. वजह है चीन का मिसाइल कार्यक्रमों की जानकारी को पूरी तरह से साझा न करना.

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चीन के अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' में छपे एडिटोरियल में भारतीयों के लिए आत्मकेंद्रित के अलावा यह भी कहा गया है कि उनमें नैतिकता की कमी है.

चीनी अखबार में NSG की सदस्यता हासिल करने में भारत की असफलता पर चर्चा की गई है. इसमें यह भी बताया गया है कि किस तरह भारतीय मीडिया और भारत सरकार ने चीन को भारत की एनएसजी सदस्यता की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बताया है. संपादकीय में पश्चिमी देशों की चाटुकारिता करने को लेकर भारत की आलोचना की गई है. क्योंकि अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और कुछ अन्य देशों ने भारत की एनएसजी सदस्यता को समर्थन दिया है.

संपादकीय में लिखा गया है कि 'अमेरिका का समर्थन मिलने से भारत की आकांक्षाओं को पर लग गए, लेकिन अमेरिका पूरी दुनिया नहीं है. अमेरिका के भारत के पक्ष में होने का मतलब यह नहीं कि भारत ने पूरी दुनिया का समर्थन हासिल कर लिया. यह सबसे बड़ा तथ्य है. हालांकि भारत ने इस पर ध्यान नहीं दिया.'

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इतना ही नहीं इस संपादकीय में भारत को अपनी विदेश नीति स्पष्ट करने की भी सलाह दी गई है. साथ ही कहा गया है कि भारतीयों को राष्ट्रीयता के बारे में सीखने की जरूरत है. संपादकीय में यह भी लिखा गया है कि 10 देशों ने भारत की एनएसजी सदस्यता का विरोध किया है.

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