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कालेधन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए भारत में बंद किए गए 500 और 1000 के नोट पर चीनी मीडिया का मानना है कि नोटबंदी एक बड़ा कदम है, लेकिन सिर्फ इससे कालाधन नहीं रुकेगा.
चीनी अखबार अखबार ग्लोबल टाइम्स में कहा गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री ने अचानक और चौंकाने वाला कदम उठाया है. भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ ये साहसिक और निर्णायक कदम उठाया है. अधिकांश गैर कानूनी काम के लिए नकद में लेन-देन होता है और इसके लिए 500 और 1000 जैसे बड़े नोटों का इस्तेमाल होता है. यह भारत के कैश सर्कुलेशन का करीब 80 फीसदी है.
इस लेख में भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए चीन की नीती को बेहतर बताया गया. शी जिनपिंग ने 2013 में राष्ट्रपति बनने के बाद इस पर लगाम लगाने के लिए काम किया. कई फैसले लिए गए, हालांकि कुछ को राजनीतिक विरोध के चश्मे से देखा गया.
नोटबंदी पर मोदी सरकार को उसकी सहयोगी शिवसेना ने खरी-खोटी सुनाई है. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में कहा गया है कि मोदी ने जनता के साथ विश्वाशघात किया है. मुट्टीभर उद्योगपतियों का कालाधन बाहर निकालने के लिए मोदी सरकार ने सवा सौ करोड़ जनता को सड़क पर ला दिया है.