
इस दिवाली मेक इन इंडिया का जोर रह सकता है. आम लोग चीनी माल से दूरी बनाएंगे और स्वदेशी माल खरीदना ज्यादा पसंद करेंगे. एसोचैम की तरफ से किए गए एक सर्वे में यह सामने आया है. सर्वे के मुताबिक इस दिवाली चीनी उत्पादों की बिक्री में 40 से 45 फीसदी की कमी आ सकती है.
एसोचैम ने किया सर्वे
एसोसिएटेड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन (एएसडीएफ) के साथ मिलकर यह सर्वे किया. इसमें सामने आया है कि इस दिवाली बाजार पर चीन विरोधी रुख हावी होगा. इसकी वजह से लोग स्वदेशी सामान खरीदने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. इसके चलते पिछले साल के मुकाबले इस साल चीनी उत्पाद की बिक्री दिवाली के मौके पर 45 फीसदी तक घट सकती है.
स्वदेशी सामान पर है फोकस
सर्वे के मुताबिक डेकोरेटिव लाइट्स, गिफ्ट आइटम्स, लैंप, गणेश और लक्ष्मी माता की मूर्तियां, रंगोली समेत अन्य कई उत्पादों पर इसका असर पड़ेगा. इसके अलावा इलेक्ट्रोनिक सामान जैसे कि मोबाइल और अन्य उत्पादों की बिक्री भी कम होगी. सर्वे के मुताबिक चीनी माल के प्रति लोगों का कम रुझान हर सेक्टर में नजर आएगा.
देश के कई शहरों में किया गया सर्वे
यह सर्वे अहमदाबाद , बेंगुलुरु, भोपाल, चेन्नई, देहरादून, दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर, लखनऊ, मुंबई समेत कई शहरों में किया गया. इसमें सामने आया कि लोग चीनी उत्पादों के मुकाबले भारतीय उत्पाद खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. सर्वे के मुताबिक ग्राहक स्वदेशी दिये और लैंपों की मांग कर रहे हैं. इसकी वजह से दुकानदारों ने भी स्वदेशी माल भरना शुरू कर दिया है.
पिछले साल 30 फीसदी थी चीन की भागीदारी
एसोचैम के मुताबिक पिछले साल दिवाली के दौरान चीनी उत्पादों की भागीदारी 30 फीसदी थी. इस दौरान 6500 करोड़ रुपये के चीनी उत्पाद बिके थे. इसमें 4500 करोड़ रुपये तो सिर्फ दिवाली से जुड़े सामान से मिला था.
मोबाइल डिमांड भी होगी 20 फीसदी तक कम
एसोचैम सर्वे में यह भी सामने आया कि एलसीडी, मोबाइल फोन और अन्य चीन निर्मित इलेक्ट्रोनिक उत्पाद की डिमांड भी घट सकती है. इनकी मांग में भी 15 से 20 फीसदी की कमी देखने को मिल रही है.
भारत-चीन के बची तनातनी है वजह
पिछले कुछ दिनों से भारत और चीन के बीच तनातनी का माहौल बना हुआ है. डोकलाम और सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन कई बार भिड़ चुके हैं. इसकी वजह से लोगों में चीन विरोधी भावनाएं काफी बड़े स्तर पर हैं. ऐसे में लोग मेक इन इंडिया उत्पाद ही खरीदने पर जोर दे रहे हैं.