
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के मामले में एसआईटी ने बीजेपी नेता और जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन डीपीएस राठौड़ का नाम भी चार्जशीट में शामिल किया है. डीपीएस राठौड़ यूपी में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त और प्रदेश पार्टी उपाध्यक्ष के भाई हैं.
डीपीएस राठौड़ को स्वामी चिन्मयानंद से करोड़ों की रंगदारी मांगने की योजना में शामिल पाया गया है. एसआईटी ने अपनी जांच के दौरान उनके पास से आधी रात को एक लैपटॉप जब्त किया था जिसमें चिन्मयानंद और लड़की से जुड़े कई वीडियो मिले. स्वामी चिन्मयानंद 20 सितंबर से न्यायिक हिरासत में हैं.
लड़की का चश्मा नहीं मिलाः SIT चीफ
चिन्मयानंद केस में SIT चीफ नवीन अरोड़ा ने चार्जशीट के बारे में बताया कि 2 माह में चार्जशीट तैयार की गई है. इसे कल बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा. इसमें 55 अभिलेख संकलित किए गए हैं. यह चार्जशीट 4700 पेज की है. लखनऊ के फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट आई है कि किसी भी फोन और वीडियो से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. 67 ए धारा पूरी तरह सही पाए गई है.
उन्होंने आगे कहा कि वायरल वीडियो और पेन ड्राइव सही पाए गए हैं, यहां तक की आवाज भी सही पाई गई है. हॉस्टल की तलाशी और चिन्मयानंद के आवास से लिए गए सबूत सही पाए गए हैं. CDR से पता चला कि रंगदारी वसूली का आरोप भी सही है. हालांकि जांच के दौरान पीड़िता का चश्मा बरामद नहीं हुआ. पीड़िता और संजय ने ही हॉस्टल से अपना सारा सामान निकाला.
नवीन अरोड़ा ने कहा कि SIT को शक है कि चश्मा लड़की और संजय द्वारा हटाया गया है. जिला पुलिस की गतिविधियों को भी SIT शासन को बताएगी. उन्होंने बीजेपी नेता डीपीएस राठौड़ के बारे में कहा कि बीजेपी नेता डीपीसिंह राठौड़ और अजीत सिंह पर धारा 385, 506, 201 की धारा के तहत कार्रवाई होगी.
कल कोर्ट में चार्जशीट पेश करेगी SIT
डीपीएस राठौड़, जेपीएस राठौड़ के भाई हैं जो प्रदेश संगठन के बड़े नाम हैं. एसआईटी कोर्ट में बुधवार को इस मामले की चार्जशीट पेश करेगी.
चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा से संबंधित वसूली मामले में विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने सोमवार को बीजेपी नेता डीपीएस राठौड़ का लैपटॉप और पेन ड्राइव जब्त किया था. चिन्मयानंद की ओर से दर्ज वसूली मामले में संदिग्ध भूमिका के लिए डीपीएस राठौड़ से एआईटी ने रविवार को 12 घंटे तक पूछताछ की थी.
डीपीएस राठौड़ जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन हैं और वह राजस्थान के दौसा में भी उस समय मौजूद थे जहां एसआईटी की टीम ने 30 अगस्त को मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के निकट 23 वर्षीय छात्रा को बरामद किया था. कानून की छात्रा 24 अगस्त को लापता हो गई थी.
कानून की छात्रा ने तब अपनी शिकायत में कहा था कि अजीत सिंह ने उससे पेन ड्राइव ले लिया था, जिसमें उसके यौन शोषण के सबूत हैं.
सफाई में क्या बोले डीपीएस राठौड़
हालांकि बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौड़ के छोटे भाई डीपीएस राठौड़ ने बाद में सफाई देते हु कहा, 'मैं प्रशासन का सहयोग करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन लग रहा है कि एसआईटी को कुछ गलतफहमी हो गई थी. मैं दौसा कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के आग्रह पर लापता छात्रा की तलाश में सहायता करने गया था.'
डीपीएस राठौड़ ने कहा कि उस समय उनके साथ एक अन्य बीजेपी नेता अजीत सिंह भी थे. अजीत सिंह वसूली मामले के आरोपी विक्रम का साला है.
इससे पहले शनिवार को एसआईटी टीम ने दादरौल विधानसभा से पूर्व विधायक डीपी सिंह को पूछताछ के लिए समन भेजा. एसआईटी के कुछ अधिकारियों ने भी कुछ तथ्यों की पुष्टि के लिए जिला जेल में बंद आरोपी से पूछताछ की.
जमानत अर्जी पर अगली सुनवाई कल
इस बीच पिछले महीने शाहजहांपुर में एलएलएम छात्रा से यौन शोषण मामले में स्वामी चिन्मयानंद को हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली. 30 अक्टूबर को चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान पीड़ित छात्रा के वकील ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की.
कोर्ट चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर अगली सुनवाई 8 नवंबर को करेगा . इससे पहले शिकायतकर्ता छात्रा भी रंगदारी मामले में जमानत अर्जी दाखिल कर चुकी है, जिस पर हाई कोर्ट में 6 नवंबर को सुनवाई होनी है. स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ रेप की धाराओं में केस दर्ज किया गया है. एसआईटी ने इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया है.