
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध प्रदर्शन के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़प हुई है. पूर्वोत्तर भारत में विशेषकर असम और त्रिपुरा में हिंसक विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं.
भारत में नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए अमेरिका और फ्रांस ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. जिसमें अपने देश के नागरिकों को असम ना जाने की सलाह दी गई है. हालांकि असम में फिलहाल शांति है और गुवाहाटी में लगाए गए कर्फ्यू में भी ढील दी गई है.
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि वह भारत के नागरिकता (संशोधन) कानून के प्रभाव की करीब से समीक्षा कर रहा है. महासचिव अंतानियो गुतेरेस के उपप्रवक्ता फरहान हक ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा, "हमें इस बात की जानकारी है कि भारतीय संसद के उच्च और निचले सदन ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कर दिया है और हम इस संबंध में सार्वजनिक रूप से व्यक्त की जा रही चिंताओं से भी अवगत हैं. संयुक्त राष्ट्र कानून के संभावित परिणामों को लेकर विश्लेषण कर रहा है." हक ने यह भी कहा कि हमारे कुछ प्रतिवेदकों समेत मानवाधिकार तंत्रों ने पहले ही कानून की प्रकृति को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थीं.
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का असर भारत-जापान समिट पर पड़ा है. यह समिट असम के गुवाहाटी में रविवार से होनी थी, लेकिन जापानी के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अपना भारत दौरा स्थगित कर दिया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है. अपने ट्वीट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि जल्द ही इस समिट के लिए दोनों देशों के बीच आपसी सहमति से नई तिथि निर्धारित की जाएगी.