
क्या देश भर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ चल प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार के भीतर मंथन का दौर शुरू हो गया है? दरअसल, यह सवाल केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास अठावले के बयान के बाद उठने लगे हैं. निर्भया के आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर मौन व्रत पर बैठे अन्ना हजारे से मुलाकात के बाद अठावले ने कहा कि सीएए कतई मुस्लिम विरोधी नहीं है, लेकिन इसे गलतफहमी पैदा हो गई है.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि लोगों की भावनाओं का विचार करते हुए इस पर बदलाव हो सकते हैं. इस पर सरकार ने इस पर कुछ सुझाव मांगे हैं. गौरतलब है कि पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार सीएए पर जरा भी पीछे नहीं हटेगी. हालांकि, रालेगण सिद्धि में पिछले 34 दिन से मौन व्रत पर बैठे अन्ना हजारे से मुलाकात के बाद रामदास अठावले ने संकेत दिए हैं कि सरकार कानून पर विचार के मूड में है.
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डंके की चोट पर वापस नहीं होगा CAA
इससे पहले लखनऊ में रैली संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, '70 साल से पीड़ित लोगों को PM मोदी ने जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है. मैं डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, CAA वापस नहीं होगा.'
नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'सीएए को लोकसभा में मैंने पेश किया है. मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लें. सीएए अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता लेता हो, तो दिखाएं. इस बिल में कहीं पर भी किसी की नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं है.'
कांग्रेस लोगों को भड़का रही है
वहीं, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आगरा रैली में कहा, 'कांग्रेस कहती है कि इस कानून से अल्पसंख्यकों की नागरिकता छीनी जाएगी. सीएए नागरिकता देने का कानून है, नागरिकता लेने का नहीं. जिन लोगों को कोई जानकारी नहीं है, वो सीएए पर लोगों भड़का रहे हैं.'