
नागरिकता संशोधन एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई 144 से अधिक याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई हुई. अदालत ने इस कानून पर तुरंत रोक लगाने से इनकार कर दिया है, साथ ही याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को चार हफ्ते का वक्त दिया है. SC में सुनवाई से पहले कोर्ट रूम में काफी भीड़ थी, जिसपर चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने भीड़ को शांत रहने के लिए कहा.
सुनवाई से पहले चीफ जस्टिस के कमरे के बाहर काफी भीड़ थी और लगातार शोर हो रहा था. इस पर सीजेआई ने आपत्ति जताई और लोगों से चुप रहने को कहा. सीजेआई एसए बोबडे ने वकीलों से नियमों का पालन करने की अपील की है.
दरअसल, शोर-शराबे से परेशान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हर रोज कोर्ट मास्टर को गैलरी खाली करने की कोशिश में कई मिनट लगाने होते हैं. इस पर CJI बोबडे ने कहा कि वकीलों को नियमों का पालन करना होता है. सुरक्षाकर्मियों को लोगों को हटाने के लिए धक्का देना पड़ता है, अगर वे किसी को भी धक्का देते हैं तो समस्या होगी.
CAA पर स्टे नहीं, केंद्र को 4 हफ्ते का वक्त: 10 बातों में समझें SC में क्या-क्या हुआ
इस पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सीजेआई कोर्ट रूम के अंदर वकीलों और अन्य लोगों के प्रवेश के बारे में निर्देश जारी करने की मांग की. इस पर सीजेआई ने कहा कि हमने इस बारे में निर्देश जारी किए थे कि वकील कैसे प्रवेश और खड़े हो सकते हैं, लेकिन हमेशा भीड़ रहती है. जब अदालत के कर्मचारी इसे करने की कोशिश करते हैं तो वकील नहीं सुनते हैं.
केंद्र सरकार को मिला चार हफ्तों का वक्त
सुप्रीम कोर्ट को इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए संकेत दिए हैं कि अगली सुनवाई में संविधान पीठ का गठन हो सकता है. SC ने केंद्र सरकार को याचिकाओं पर जवाब देने के लिए 4 हफ्ते का वक्त दिया है और अगली सुनवाई पांचवें हफ्ते में होगी.
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अदालत में वकीलों की ओर से इस कानून की प्रक्रिया को तीन महीने के लिए टालने की अपील की गई थी, लेकिन अदालत ने ऐसा कोई आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है. हालांकि, अदालत की ओर से नई याचिकाएं दायर करने पर रोक नहीं लगाई गई है.