
विपक्ष के पुरजोर विरोध के बावजूद नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा से मंजूरी मिल गई है. बिल पर हंगामेदार बहस के बाद आधी रात को वोटिंग हुई. बिल पास होने से के बाद AIUDF नेता बदरूद्दीन अजमल ने अपनी नाराजगी जाहिर की.
बदरूद्दीन अजमल ने कहा कि मैं इस बिल के खिलाफ हूं क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है. संविधान, धर्म के आधार पर भारत में लोगों को लाने का अधिकार नहीं देता है. सरकार लोगों को धर्म के आधार पर लाना चाहती है. यह असम समझौते के खिलाफ है. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
वहीं इससे पहले, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सोमवार को इस बिल के विरोध में अपनी बात रखी और कहा कि मुल्क को ऐसे कानून से बचा लीजिए.
असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में कहा कि सेक्युलिरज्म इस देश के बेसिक स्ट्रक्चर का हिस्सा है. यह बिल हमारे मूल अधिकारों का हनन करता है. हमारे मुल्क में सिटिजनशिप का कॉन्सेप्ट सिंगल है. आप यह बिल लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन कर रहे हैं. मैं आपसे हाथ जोड़कर अपील कर रहा हूं कि मुल्क को ऐसे कानून से बचा लीजिए. इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कुछ ऐसे शब्दों का विरोध भी किया, जिसे बाद में लोकसभा की कार्यवाही से हटा लिया गया.
गौरतलब है कि अमित शाह ने जब बिल को पेश किया तो जोरदार हंगामा हुआ. कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी के सासंद सौगत रॉय ने इस बिल को संविधान का उल्लंघन बताया. कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा कि ये बिल संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन करता है, ऐसे में हम इसके पेश होने का विरोध करते हैं.