
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के बाद अब मोदी सरकार नागरिकता संशोधन बिल लाने की तैयारी में जुट गई है. इसको कैबिनेट की मंजूरी के बाद संसद में पेश किया जाएगा. बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे मोदी सरकार ने कैबिनेट की अहम बैठक भी बुलाई है. माना जा रहा है कि यह बैठक नागरिकता बिल पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन बिल लाने का पहले ही ऐलान कर चुके हैं. हालांकि कई राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं. इसको सरकार द्वारा अवैध प्रवासियों की परिभाषा बदलने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
गैर मुस्लिम 6 धर्म के लोगों को नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान को आधार बना कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट धार्मिक आधार पर नागरिकता प्रदान किए जाने का विरोध कर रहे हैं.
क्या है नागरिकता संशोधन बिल
मोदी सरकार नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को संशोधन करने की तैयारी में है. इससे नागरिकता संबंधी कानूनों में बदलाव होगा. नागरिकता बिल से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए वैध दस्तावेजों के बिना भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा.