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सिटी सेंटर स्कैम: सिद्धू के विभाग का हलफनामा, स्कैम में शामिल हैं CM अमरिंदर

लुधियाना सिटी सेंटर स्कैम में नवजोत सिंह सिद्धू के लोकल बॉडी डिपार्टमेंट ने कोर्ट में हलफनामा दिया है कि इस घोटाले में कैप्टन अमरिंदर सिंह शामिल है और इस केस को बंद नहीं करना चाहिए.

सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिद्धू सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिद्धू
सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 02 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:40 AM IST

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिद्धू के बीच और बढ़ सकती दूरी है. लुधियाना सिटी सेंटर स्कैम में नवजोत सिंह सिद्धू ने लुधियाना कोर्ट में अमरिंदर सिंह के खिलाफ हलफनामा फाइल किया. सिद्धू के विभाग लोकल बॉडी डिपार्टमेंट ने कोर्ट में हलफनामा दिया है कि इस घोटाले में कैप्टन अमरिंदर सिंह शामिल है और इस केस को बंद नहीं करना चाहिए.

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पंजाब की राजनीति में तूफान लाने वाले 1144 करोड़ रुपये के बहुचर्चित कथित सिटी सेंटर घोटाले के मामले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की दिक्कत पहले उस वक्त बढ़ गई थी, जब इस केस के जांच अधिकारी रहे तत्कालीन विजिलेंस एसएसपी कंवल जीत सिंह की ओर से जिला एवं सेशन जज की अदालत में याचिका दायर कर अपील की गई थी कि इस केस को बंद करने से पहले उन्हें भी सुना जाए, क्योंकि इस मामले में वो काफी कुछ जानते हैं.

सरकार बनने के बाद कैप्टन को मिली थी क्लीन चिट

पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद पंजाब सरकार के विजिलेंस विभाग ने अदालत में कैप्टन अमरिंदर सिंह व 32 अन्य आरोपियों के खिलाफ चल रहे मामले को खत्म करने के लिए अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. रिपोर्ट में विजिलेंस ने मुख्यमंत्री को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि आरोपी चेतन गुप्ता ने मामले की दोबारा जांच करने की अर्जी लगाई थी. अर्जी पर जांच में पाया गया कि मुख्यमंत्री सहित सभी आरोपियों के खिलाफ कोई भी आरोप साबित नहीं होता है और दोबारा हुई इस जांच के दौरान पूर्व में गवाहों की ओर से दिए गए बयान वर्तमान में दिए गए बयानों से बिल्कुल उलट पाए गए हैं.

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130 पेज की चार्जशीट और 36 आरोपी

अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में 23 मार्च 2007 को कैप्टन व अन्य के खिलाफ सिटी सेंटर घोटाले में मामला दर्ज हुआ था. FIR तत्कालीन एसएसपी विजिलेंस कंवलजीत सिंह ने ही की थी. दिसंबर 2007 में 130 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई थी. इस दौरान 36 में से चार आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है. अन्य 32 के खिलाफ कैप्टन की सरकार बनने के बाद विजिलेंस ब्यूरो ने लुधियाना की अदालत में क्लोजर रिपोर्ट पिछले साल 19 अगस्त को दायर की थी.

1144 करोड़ के इस बहुचर्चित कथित घोटाले के मामले में सेशन जज की अदालत में सुनवाई चल रही है.

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