
भारत के मुख्य न्यायधीश एच एल दत्तू 3 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं. दत्तू एक मलाल के साथ अपने पद से विदाई लेंगे. एक साल से ज्यादा न्यायपालिका का प्रमुख रहने के बाद भी वह उच्च न्यायपालिका के लिए उनकी टीम का चयन करने में सक्षम नहीं हो सके.
दत्तू राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के लागू होने के तुरंत बाद सीजेआई बने. उन्होंने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग का प्रमुख बनने से इनकार किया जो कि जजों की नियुक्ति करता क्योंकि याचिकाएं इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती दे रही थी.
दत्तू ने कहा कि मुझे अफसोस है कि मैं न्यायाधीशों का चयन नहीं कर सका जबकि उच्च न्यायालयों में कई रिक्तियां थीं. एनजेएसी (NJAC) की संवैधानिक वैधता निर्धारित करने में लंबी न्यायिक प्रक्रिया चली. सुप्रीम कोर्ट ने कोलेजियम प्रणाली को फिर से लागू किया है. अब नए चीफ जस्टिस कोलेजियम की बैठक कर जजों की नियुक्ति करेंगे.
1017 हाई कोर्ट के जजों के पदों में से 397 रिक्त हैं. इसे छोड़ दिया जाए तो दत्तू का कहना है कि अपने 20 साल के करियर में उन्हें किसी बात का मलाल नहीं रहा.