Advertisement

पासपोर्ट विवाद में ट्विस्ट, अधिकारी ने कहा- नोएडा की महिला को लखनऊ से कैसे दे देता पासपोर्ट

पासपोर्ट विभाग के जिस कर्मचारी विकास मिश्रा पर बदसलूकी का आरोप लगा है उन्होंने ने भी सफाई दी और कहा कि जो हो रहा है वो गलत हो रहा है. उन्होंने कहा, 'हमें धर्म से कोई मतलब नहीं, हमें तो पासपोर्ट के मेनुअल के मुताबिक फैसला लेना होता है, जिसमें आवेदक द्वारा दी गई जानकारी को कॉलम वाइज पुष्टि करनी होती है. उस फैसले के तहत निवेदक को अपना नाम स्पष्ट करना चाहिए था क्योंकि उस पर उनका पुराना नाम था.'

आरोपी अधिकारी (बाएं) और पासपोर्ट की शिकायत करने वाली महिला आरोपी अधिकारी (बाएं) और पासपोर्ट की शिकायत करने वाली महिला
अजीत तिवारी/शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 21 जून 2018,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

आजतक पर खबर दिखाने के बाद लखनऊ के हिंदू-मुस्लिम दंपति अनस और तन्वी को पासपोर्ट मिल गया है. इससे पहले लखनऊ के पासपोर्ट दफ्तर में इस दंपति को मजहबी बदसलूकी का सामना करना पड़ा. हालांकि, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट किए जाने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. पासपोर्ट ऑफिस के अधिकारियों ने तुरंत दंपति का पासपोर्ट जारी किया और मीडिया के सामने आकर सफाई दी.

Advertisement

इस बीच पासपोर्ट विभाग के जिस अधिकारी विकास मिश्रा पर बदसलूकी का आरोप लगा है, उन्होंने भी सफाई दी और कहा कि जो हो रहा है वो गलत हो रहा है. उन्होंने कहा, 'हमें धर्म से कोई मतलब नहीं, हमें तो पासपोर्ट के मैनुअल के मुताबिक फैसला लेना होता है, जिसमें आवेदक द्वारा दी गई जानकारी को कॉलम वाइज पुष्टि करनी होती है. उस फैसले के तहत निवेदक को अपना नाम स्पष्ट करना चाहिए था क्योंकि उस पर उनका पुराना नाम था.'

'गलत पते पर लेना चाहती थीं पासपोर्ट'

आरोपी अधिकारी ने कहा, 'निवेदक नोएडा की रहने वाली थीं, उन्हें गाजियाबाद मे अप्लाई करना चाहिए था. लेकिन उन्होंने उस तथ्य को छिपाया और लखनऊ का पता दिखाकर पासपोर्ट लेने के लिए निवेदन किया जो कि गलत था. उन्होंने गलत जानकारी दी.'

Advertisement

हालांकि, आरोपी अधिकारी ने उस फॉर्म को दिखाने से इनकार कर दिया जिसमें दंपति ने गलत जानकारी दी थी. आरोपी अधिकारी ने कहा, 'आप हमारे पासपोर्ट के वेबसाइट पर मौजूद फॉर्म को देखेंगे तो पाएंगे कि वहां एक कॉलम है कि 'हैव यू एवर चेंज योर नेम' मतलब क्या आपने कभी अपने नाम में बदलाव किया है. उन्हें इस कॉलम में हां करते हुए पुराना नाम देना चाहिए था. जैसे ही वो हां में जवाब देतीं तो सिस्टम से ऑटोमेटिक एक इनक्वैरी जारी होती जिसके बाद उनसे उनके पुराने नाम की मांग की जाती.'

'नाम शामिल नहीं करवाना चाहती थीं आवेदक महिला'

नाम के सवाल पर आरोपी अधिकारी ने कहा, 'नाम पूछने पर दंपति ने निकाहनामा दिखाया जिसमें सादिया हसन नाम था लेकिन उस नाम को वो आवेदन पत्र में शामिल नहीं कराना चाहती थीं. इसके बाद मैंने उनसे आवेदन पत्र में नाम चढ़ाने के लिए आग्रह किया तो उन्होंने इसके लिए मना कर दिया. इसके बाद हमने मामले को एपीओ अधिकारी के पास भेज दिया. उन्होंने दंपति से पूछा कि आप नोएडा में रहती हैं तो पता चढ़ाने के लिए क्यों मना कर रही हैं. लेकिन दंपति ने वहां भी मना कर दिया. जिसके बाद एपीओ ने उनकी फाइल को यहां के पॉलिसी सेंटर भेज दिया.'

Advertisement

ये पूछे जाने पर कि क्या आप दंपति पर धर्म को लेकर चिल्लाए और बदसलूकी की, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं उनके ऊपर नहीं चिल्लाया बल्कि वो यहां दफ्तर में चिल्ला रहे थे. साथ ही उन्होंने हमें धमकी भी दी कि हम सक्षम लोग हैं, हम पुलिस रिपोर्ट भी दर्ज करवाएंगे. हम नोएडा में जरूर रहते हैं लेकिन हम लखनऊ के पते पर रिपोर्ट लिखवा लेंगे जिसके बाद आपको गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा. ट्रांसफर की बाद उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है, इसकी जानकारी हमारे पास नहीं है. लेकिन जो हो रहा है वो गलत हो रहा है.

क्या है मामला

दरअसल, एक दंपति पासपोर्ट रिन्यूवल कराने के लिए पासपोर्ट ऑफिस गए तो अफसर ने धर्म के नाम पर उन्हें अपमानित किया. पासपोर्ट रिन्यूवल करने की यायिका खारिज कर दी और पासपोर्ट को होल्ड पर डाल दिया. दोनों का आरोप है कि पासपोर्ट ऑफिसर ने तन्वी से अपना नाम बदलने को कहा और अनस से मजहब बदलने को कहा. पासपोर्ट अफसर के इस व्यवहार से दंपति हक्का-बक्का रह गए. कोई और रास्ता ना दिखा तो दोनों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर पूरी आपबीती बताई.

मोहम्मद अनस सिद्दीकी और उनकी पत्नी तन्वी सेठ ने 2007 में शादी की थी और उन्होंने लखनऊ में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था. अनस ने कहा- 'अधिकारी ने मुझसे कल कहा था कि आप अपना धर्म परिवर्तन कीजिए और नाम बदलिए. गौ मंत्र पढ़िए और फेरे लीजिए. तब उसके बाद हो पाएगा.'

Advertisement

इसके बाद प्रशासन जागा और दंपति को नया पासपोर्ट भी जारी किया गया. साथ ही प्रशासन द्वारा कार्रवाई करते हुए न सिर्फ आरोपी अधिकारी का तबादला किया गया बल्कि कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए माफी मांगने को भी कहा गया. यही पासपोर्ट ऑफिस ने कहा कि आगे से इस प्रकार की कोई घटना नहीं हो, इसके लिए सतर्कता बरती जाएगी. साथ ही अफसरों को भी इस बाबत गाइडलाइन देने की बात कही.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement