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'दिल्ली के लड़के जीने नहीं दे रहे' लिख 12वीं की छात्रा ने की खुदकुशी

छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा है 'इधर जाओ तो लड़के, उधर जाओ तो लड़के. मेरी जिंदगी खराब कर रहे थे सब, ताकि मैं कुछ न कर सकूं. पर मुझे अब नहीं जीना'.

छेड़खानी से तंग आकर छात्रा ने की खुदकुशी छेड़खानी से तंग आकर छात्रा ने की खुदकुशी
चिराग गोठी/आशुतोष कुमार मौर्य
  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 11:45 AM IST

दिल्ली के रोहिणी इलाके में छेड़खानी से तंग आकर 12वीं में पढ़ने वाली एक छात्रा द्वारा खुदकुशी किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. मृत छात्रा ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार दिल्ली में हर जगह लड़कों द्वारा हो रही छेड़खानी को बताया है.

पुलिस ने बताया कि मामला अलीपुर थाना क्षेत्र के बख्तावरपुर गांव का है. मृतका के पिता की एक छोटी सी चाय-पान की दुकान है. परिजनों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस को लड़की की लाश कमरे में फंदे से लटकती मिली.

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लड़की की लाश के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है. अलीपुर थाना पुलिस ने सुसाइड नोट को लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पूरे मामले की जांच कर रही है. पुलिस ने बताया कि लड़की ने सुसाइड नोट में आस-पास के लड़कों द्वारा लगातार उसके साथ छेड़खानी को वजह बताई है.

हालांकि परिजनों ने एक लड़के पर अपनी बेटी के साथ छेड़खानी का आरोप लगाया है. पुलिस ने मामले में आत्महत्या के उकसाने और POSCO ऐक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच में जुट गई है.

परिजनों का आरोप है कि पड़ोस का एक लड़का काफी वक्त से उनकी बेटी के साथ छेड़खानी कर रहा था. परिजनों ने बताया कि आरोपी लड़का उनकी बेटी को पुलिस भर्ती में सहयोग करने के बहाने उसे ट्रेनिंग दिया करता था और उसके साथ गलत कार्य की कोशिश भी कई बार की गई.

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परिजनों ने बताया कि उन्होंने लड़के की हरकतों का कई बार विरोध भी किया, लेकिन लड़का गांव के दबंग परिवार से था, जिससे उनकी बात नहीं सुनी गई. आखिरकार लड़की ने खुदकुशी कर ली. पुलिस ने बताया कि लड़की ने सुसाइड नोट में आरोपी लड़के का तो जिक्र नहीं किया है, लेकिन आस-पास के लड़कों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार जरूर ठहराया है.

मृत छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है, 'इधर जाओ तो लड़के, उधर जाओ तो लड़के. मेरी जिंदगी खराब कर रहे थे सब, ताकि मैं कुछ न कर सकूं. पर मुझे अब नहीं जीना...मैंने कोई गलती नहीं की है. दिल्ली के लोग ही मुझे जीने नहीं दे रहे थे.'

जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को घटना के वक्त लड़की की मां चाय बनाने की दुकान पर गई थी. मृतका के दो छोटे भाई भी चाय की दुकान पर सहयोग करने गए थे. उसके पिता भी किसी काम से बाहर गए हुए थे. लड़की घर पर अकेली थी और उसने अपने कमरे में फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली.

लेकिन फांसी लगते वक्त लड़की की चीख निकल गई. जब आस-पास के लोगों ने लड़की चीख सुनी तो वे भाग कर उसके घर पहुंचे. लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था. पड़ोसी दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे, लेकिन तब तक लड़की की मौत हो चुकी थी.

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