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उत्तराखंड: पिथौरागढ़ के पास फटा बादल, 7 गायब, 3 शव बरामद

उत्तराखंड में पिथौरागढ़ के पास बादल फटने की खबर है. बादल फटने के बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा रोक दी गई है, जबकि 7 लोग लापता हैं. इन सात लोगों में 4 एसएसबी के जवान और 3 स्थानीय लोग हैं. मालपा में 3 लोगों के शव भी बरामद हुए हैं.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 8:41 AM IST

उत्तराखंड में पिथौरागढ़ के पास बादल फटने की खबर है. बादल फटने के बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा रोक दी गई है, जबकि 7 लोग लापता हैं. इन सात लोगों में 4 एसएसबी के जवान और 3 स्थानीय लोग हैं. मालपा में 3 लोगों के शव भी बरामद हुए हैं. एसएसबी के 4 जवान और एक जेसीओ पंगाटी नाला से बचाए गए हैं. धारचुला से सेना बचाव दल मौके पर पहुंच गया है.

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वहीं मांगती में 2 पुल बह गए हैं, 1 सिमखौला में बह गया है. काली नदी खतरे के निशाने से ऊपर चल रही है. अलागढ़ में रोड ब्लॉक हो गया है.

मंडी में प्रकृति का कहर

प्राकृतिक आपदा का असर देश के कई हिस्सों में देखने को मिला है. हिमाचल प्रदेश के मंडी में भी भूस्खलन की चपेट में आने से कई लोगों की जान चली गई है. अब तक मरने वालों की संख्या 46 हो गई है. हादसा इतना भयानक है कि अभी और लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. रविवार देर शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहत बचाव का काम रोक दिया गया है.

ये थी पूरी घटना

हादसा शनिवार देर रात हुआ था. जब एक बस चंबा से मनाली जा रही थी, जबकि दूसरी मनाली से जम्मू की तरफ जा रही थी. बताया जा रहा है कि मंडी-पठानकोट राजमार्ग पर कोटरूपी के पास रोडवेज की दो बसें रुकी हुई थीं. इसी दौरान बादल फटने और भूस्खलन के चलते एक बड़ा पत्थर मनाली से कटरा जाने वाली बस के ऊपर आ गिरा. जिसके चलते ये बस लुढ़कते हुए 200 मीटर गहराई में जा गिरी.

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नेपाल में भी बाढ़-भूस्खलन का कहर

वहीं नेपाल में भी मानसून की भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ और भूस्खलन में 55 लोगों की मौत हो गई है, जबकि करीब एक हजार लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है. अधिकारियों के मुताबिक बाढ़ से कई बस्तियां प्रभावित हुई हैं. नदियों के खतरे के निशान से ऊपर होने की वजह से कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए.

बाढ़ में फंसे  600 पर्यटक

नेपाल के चितवन जिले के सौराहा इलाके में बाढ़ की वजह से करीब छह सौ पर्यटक फंसे हुए हैं. इनमें 200 भारतीय शामिल हैं. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. सौराहा के क्षेत्रीय होटल संघ के अध्यक्ष सुमन घिमिरे ने बताया कि नदियों का पानी कई होटलों में घुस गया है. जिले के मुख्य अधिकारी और नेपाल पर्यटन बोर्ड को हालात की जानकारी देकर इन फंसे लोगों को निकालने की व्यवस्था करने को कहा गया है.

 

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