
दिल्ली सरकार जल्दी ही एक जागरूकता अभियान शुरू करेगी जिसमें पटाखों के प्रतिकूल प्रभावों पर रोशनी डाली जाएगी और बताया जाएगा कि दीवाली के मौसम में दिल्ली में हवा की गुणवत्ता पर इसका बहुत ही खराब असर होता है. दिल्ली सरकार प्रतिबंधित चीनी पटाखों की बिक्री और उनका उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी करेगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की नवीनतम रिपोर्ट के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने आदेश जारी किए हैं. इसके मुताबिक दिल्ली को दूसरा सबसे वायु प्रदूषित शहर कहा गया है. पर्यावरण विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने स्थिति की समीक्षा की है. यह निर्णय पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक में लिया गया. इसकी अध्यक्षता मंत्री इमरान हुसैन ने की., इसमें पर्यावरण और वन विभाग के साथ दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया.
चर्चा के दौरान मंत्री ने दीवाली के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने की आवश्यकता बताई. उन्होंने पर्यावरण विभाग को यह निर्देश दिया कि अभियान शुरू करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करें. इमरान हुसैन ने कहा कि चीनी पटाखे स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए खतरा हैं. त्योहारों के मौसम में चीनी पटाखों का उपयोग कई गुना बढ़ जाता है. और यह वायु तथा ध्वनि प्रदूषण का प्रमुख स्रोत होता है. इससे सांस लेने में दिक्कत होती है. खासकर बुजुर्गों और बच्चों को.
मंत्री ने निर्देश दिया कि म्युनिसिपल संस्थाओं समेत भूमि स्वामी एजेंसियों के साथ नियमित बैठक की जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई की समक्षा की जाए. इसमें सूखे पत्तों, कूड़ा और प्लास्टिक के सामान खुले में जलाना शामिल है. धूल नियंत्रण नियम का उल्लंघन करने वाले भूस्वामियों, बिल्डर और वाहनों तथा उनके मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि इस तरह के काम न हों जिससे हवा की गुणवत्ता बेहतर हो.
बैठक में बताया गया कि सर्दी के आने वाले मौसम में हवा का निचला हिस्सा ठंडा हो जाता है और इसके परिणामस्वरूप दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है. इसके अलावा, पड़ोसी राज्य में फसल के अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ जाता है. दिल्ली के मौके पर पटाखे चलाने से स्थिति और खराब हो जाती है. ध्वनि प्रदूषण बढ़ जाता है सो अलग. यह सब स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ाता है. खासकर वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों में.
मंत्री ने बताया कि इस स्थिति में वायु प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने की आवश्यकता है. उन्होंने पर्यावरण विभाग से कहा कि स्टेकधारकों से मामले की शीघ्र समीक्षा की जाए और आवश्यक कदम उठाए जाएं और जागरूकता अभियान चलाए जाएं ताकि वायु और ध्वनि प्रदूषण की समस्या को जहां तक संभव हो, नियंत्रित किया जाए.