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नीतीश कुमार ने नीति आयोग को लिखा पत्र, कहा- बिहार को मिले विशेष राज्य का दर्जा

नीति आयोग के उपाध्यक्ष को लिखे पत्र में नीतीश कुमार ने ये उम्मीद जताई कि टिकाऊ विकास लक्ष्य और 2030 के ढांचे के तहत केन्द्र सरकार के पास ये मौका है कि वह अपने दायित्वों को पूरा करे.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
सुजीत झा/रोहित गुप्ता
  • पटना,
  • 14 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 4:26 PM IST

बिहार को संसाधन उपलब्ध नहीं कराने से नाराज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष को पत्र लिखा है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद परनगढ़िया को पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि विकास से सपनों को हकीकत में बदलने, 2030 तक विकसित भारत और विकसित बिहार के लिए यह बहुत जरूरी है कि संसाधनों की कमी पर गौर फरमाया जाए. साथ ही बिहार जैसे कम विकसित राज्य के लिए विशेष राज्य का दर्जा प्रदान किया जाए.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पत्र में बिहार में चल रहे सात निश्चय का भी जिक्र किया है. उन्होंने सुशासन के कार्यक्रम 2015-20 के बारे में पत्र में विस्तार से चर्चा की है. पत्र में लिखा गया है कि बिहार में सात निश्चय पर काम भी आरंभ हो गया है, बिहार विकास मिशन की स्थापना की गयी, डिजास्टर रिस्क रिडक्सन रोड मैप (2015-30) लागू किया गया है, बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई है और आबादी आधारित योजनाएं भी प्रारंभ की गई हैं.

नीति आयोग के उपाध्यक्ष को लिखे पत्र में नीतीश कुमार ने ये उम्मीद जताई कि टिकाऊ विकास लक्ष्य और 2030 के ढांचे के तहत केन्द्र सरकार के पास ये मौका है कि वह अपने दायित्वों को पूरा करे. उन्होंने लिखा है कि बिहार का विकास मॉडल, न्याय के साथ विकास है. पत्र में लिखा गया है कि ये बात कई बार सामने आ चुकी है कि भारत अपने राष्ट्रीय लक्ष्य को बगैर कम विकसित प्रदेशों के विकास लक्ष्य के बिना हासिल नहीं कर सकता.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि किस तरह केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्र और राज्य के शेयरों को बदल दिया गया है. मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राज्य के शेयर में बढ़ोत्तरी कर देने से बिहार जैसे राज्य को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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