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योगी क्यों ले रहे हैं रिस्क, नोएडा में आए इन पांच CMs की जा चुकी है कुर्सी

नोएडा का दौरा इस कदर यूपी के मुख्यमंत्री के लिए अपशगुन रहा, कि जिसने यहां चाहे-अनचाहे में नोएडा आने का जिगरा दिखाया, तो उसे सीएम की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है. यूपी का मुख्यमंत्री रहते हुए नोएडा आए पांच सीएम जिनकी चली गई थी कुर्सी.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
कुबूल अहमद
  • नोएडा,
  • 21 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लंबे समय से चले आ रहे एक अंधविश्वास को तोड़ने जा रहे हैं. इसके लिए वो 25 दिसंबर को नोएडा का दौरा करेंगे. दरअसल, यह अंधविश्वास है कि अगर उत्तर प्रदेश का कोई मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा का दौरा करता है, तो उसको कुर्सी गंवानी पड़ती है. इसके चलते  अखिलेश यादव मुख्यमंत्री रहते हुए 5 साल तक नोएडा आने से बचते रहे और उन्होंने अपने कार्यकाल में यहां एक बार भी कदम नहीं रखा. अब योगी आदित्यनाथ नोएडा आ रहे हैं, वो ऐसा करने वाले वो 29 साल में सिर्फ दूसरे मुख्यमंत्री होंगे.

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बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नोएडा यात्रा से जुड़ा एक अंधविश्वास तोड़ने जा रहे हैं. योगी आदित्यनाथ 25 दिसम्बर को सियासी तौर पर 'अपशकुन' समझे जाने वाले नोएडा जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोएडा के बॉटनिकल गार्डन से दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी तक जाने वाली मेट्रो रेल सेवा का उद्घाटन करेंगे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समारोह में मौजूद रहेंगे.

यही नहीं योगी 23 दिसंबर को नोएडा जाकर 25 दिसंबर के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा भी लेंगे. आदित्यनाथ ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं जो जानबूझ कर राजनीतिक रूप से 'मनहूस' माने जाने वाले नोएडा जाने की हिम्मत कर रहे हैं. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मायावती जानते-बूझते 2011 में नोएडा गई थीं और 2012 के चुनावों में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. पिछले 29 सालों में मायवती को छोड़कर कोई भी मुख्यमंत्री नोएडा जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. इसी चक्कर में 2012 से 2017 तक मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव नोएडा नहीं आए.

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नोएडा आने पर इन CM की गई कुर्सी

नोएडा का दौरा इस कदर यूपी के मुख्यमंत्री के लिए अपशगुन रहा, कि जिसने यहां चाहे-अनचाहे में नोएडा आने का जिगरा दिखाया, तो उसे सीएम की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है. यूपी का मुख्यमंत्री रहते हुए हुए वीर बहादुर सिंह ने नोएडा का दौरा किया था जिसके कुछ दिन बाद जून 1988 को उनकी कुर्सी चली गई. इसके बाद 1989 में नारायण दत्त तिवारी नोएडा आए और उन्हें सीएम की कुर्सी त्यागना पड़ा. यूपी में बीजेपी की सरकार बनी और सत्ता के सिहांसन पर कल्याण सिंह विराजमान हुए. कल्याण सिंह ने 1999 में नोएडा आए और उन्हें अपनी कुर्सी से अलविदा होना पड़ा.

1995 में मुख्यमंत्री रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने नोएडा का दौरा किया पर अगली बार वो सत्ता से बाहर हो गए और 1997 में मायावती के नोएडा आने के बाद ही सत्ता ने उनसे दूरी बना लिया था. लेकिन जब 2007 में सत्ता मायावती पूर्णबहुमत के साथ आई तो उन्होंने  2011 में नोएडा आईं और 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें करारी शिकस्त मिली.

यूपी के पांच मुख्यमंत्रियों की कुर्सियां जाने के बाद अब योगी आदित्यनाथ आ रहे हैं. योगी अंधविश्वास और अपशकुनों को दरकिनार कर वो शुभ और अशूभ के अपने मायने गढ़ रहे हैं और अपनी परंपरा बना रहे हैं. 21वीं सदी में आकर किसी शहर के लिए शकुन और अपशकुन की बात करना वास्तव में हैरानी भरा है.

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