
पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतों से परेशान दिल्ली-एनसीआर के लोगों पर अब सीएनजी की बढ़ी कीमतों का चाबुक चला है. दिल्ली-एनसीआर में सोमवार रात से सीएनजी की कीमतें बढ़ गई जिसके बाद जनता में नाराज़गी देखने को मिली.
दिल्ली में जहां सीएनजी की कीमतों में प्रति किलो ग्राम 95 पैसे की बढ़ोतरी हुई है तो वहीं नोएडा-गाज़ियाबाद में 1.26 पैसे की बढ़ोतरी हुई है. इसके बाद दिल्ली में सीएनजी अब 39.71 प्रति किलो की दर पर मिल रही है तो वहीं नोएडा-गाजियाबाद में 49.20 प्रति किलो की दर से सीएनजी मिल रही है. दिल्ली में अभी भी सीएनजी पड़ोसी शहरों से करीब 10 रुपए सस्ती है जिसका असर दिल्ली की सीमा पर बने सीएनजी पंपों पर देखने को मिला.
गाजियाबाद से सटे आनंद विहार इलाके में गाजियाबाद से लोग अपनी गाड़ियों में सीएनजी डलवाने आए थे. पूछने पर बोले कि पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें बढ़ने पर कार में सीएनजी लगवाई लेकिन सीएनजी की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं जिससे बजट पर खासा असर पड़ रहा है. इसी वजह से रुपए बचाने के लिए यूपी से दिल्ली सीएनजी डलवाने आए हैं.
दिल्ली के गोल मार्किट से सटे सीएनजी गैस स्टेशन पर जब 'आजतक' की टीम पहुंची तो वाहन में गैस फिलिंग करवा रहे बहुत से लोगों को दाम बढ़ने की जानकारी तक नहीं थी. मुंडका में रहने वाले पवन ने बताया कि एक के बाद एक महंगाई की मार पड़ रही है. पवन का कहना है कि हाल ही में एलपीजी के साथ पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए थे. पवन बताते हैं कि इनकम बढ़ती नहीं है लेकिन घर की रसोई का बजट ज़रूर बिगड़ गया है.
एलपीजी गैस के दाम बढ़ने से परेशान अमित बताते हैं कि वो रोजाना 100 किलोमीटर कार चलाते हैं ऐसे में उनकी सरकार से अपील है कि महंगाई पर कंट्रोल करने के लिए कदम उठाए जाएं. अमित का कहना है कि मिडिल क्लास फैमिली रोज कमाती है और खर्च करती है लेकिन आजकल बचत बेहद कम हो रही है. अमित के मुताबिक पिछले 3 से 4 महीने की बजाय आज उनका खर्चा 1000 रुपए तक बढ़ गया है और त्यौहार मनाने के लिए वो खर्चों पर कटौती की तैयारी कर रहे हैं.
सीएनजी के बढ़ते दामों से ऑटो और टैक्सी चालक भी नाराज हैं. ऑटो चालकों के मुताबिक सीएनजी के दाम बढ़ने से उनपर महंगाई की दोहरी मार पड़ी है. एक तरफ पहले से ही ऐप बेस्ड कैब सर्विसेज की वजह से ऑटो चालकों का काम ठप पड़ा हुआ था. ऐसे में सीएनजी के दाम बढ़ने से मुश्किल और बढ़ गई.
पिछले तीन साल से ऑटो का किराया रिवाइज़ नहीं हुआ है जबकि केजरीवाल सरकार ने सत्ता में आते ही ऑटो के फेयर पर जरूरी बढ़ोत्तरी की बात कही थी लेकिन कुछ नहीं हुआ. वहीं जीएसटी लागू होने के बाद ऑटो के पार्ट्स भी महंगे मिल रहे हैं, इंश्योरेंस चार्जेस भी बढ़ गए हैं और सवारी मिल नहीं रही हैं.
भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष राजेंद्र सोनी के मुताबिक 17 नवंबर को भारतीय मजदूर संघ सभी यूनियन के साथ रामलीला मैदान में केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी.