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कोल इंडिया प्रबंधन के साथ कर्मचारी यूनियनों की बातचीत विफल रहने के बाद अब 24 नवंबर को प्रस्तावित हड़ताल होना तय है. चार ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त बयान में यह बात कही गई. ट्रेड यूनियनों इंटक, एआईटीयूसी, सीटू और एचएमएस ने एक संयुक्त बयान में कहा कि हालांकि कोल इंडिया के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक ए. के. दुबे 24 नवंबर को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल से बचने के लिए कोयला मंत्रालय स्तर पर एक बैठक करने हेतु सरकार के साथ समन्वय बनाने पर सहमत हैं.
बयान में कहा गया है, ‘कोल इंडिया चेयरमैन की अपील के बावजूद चार ट्रेड यूनियनों ने 24 नवंबर को प्रस्तावित हड़ताल नहीं टालने का निर्णय किया है और प्रबंधन को साफ कर दिया है कि यदि सरकार अध्यादेश से संबद्ध उपबंध नहीं हटाती है तो कोयला कर्मचारी तय कार्यक्रम के मुताबिक हड़ताल पर जाएंगे.’
सरकार पर कोयला क्षेत्र का निजीकरण करने का आरोप लगाते हुए यूनियनों ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वे 24 नवंबर को हड़ताल करेंगी. यूनियनें सरकार से कोयला क्षेत्र का निजीकरण नहीं करने और कोल इंडिया में और निवेश बंद करने की मांग कर रही हैं.
- इनपुट भाषा