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कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में उद्योगपति नवीन जिंदल, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा तथा अन्य को एक अदालत ने बुधवार को सम्मन जारी किया, जिन अन्य लोगों को सम्मन भेजा गया है, उनमें पूर्व केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री दासारि नारायण राव और पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता शामिल हैं.
विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने जिंदल, कोड़ा, राव, गुप्ता और 11 अन्य को सम्मन जारी करते हुए उन्हें 22 मई को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 29 अप्रैल को जिंदल, कोड़ा, राव, गुप्ता तथा छह अन्य लोगों- ज्ञान स्वरूप गर्ग, सुरेश सिंघल, राजीव जैन, गिरीश कुमार जुनेजा, आर.के. सर्राफ और के. रामाकृष्णन के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए थे.
आरोप पत्र में पांच निजी कंपनियों को भी नामित किया गया है, जिसमें चार दिल्ली की और एक हैदराबाद की है. ये कंपनियां हैं- जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड, गगन स्पंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड, जिंदल रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, न्यू देलही एक्सिम प्राइवेट लिमिटेड और सौभाग्य मीडिया लिमिटेड. सीबीआई ने उन पर आपराधिक षड़यंत्र, धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.
यह मामला झारखंड के अमरकोंडा मुर्गादांगल कोयला ब्लॉक का जिंदल स्टील एवं गगन स्पंज को आवंटित किए जाने से संबंधित है. एजेंसी ने कहा है कि ब्लॉक के आवंटन की सिफारिश 35वीं अनुवीक्षण समिति ने की थी. सीबीआई ने कहा है, 'ऐसा आरोप है कि दिल्ली की दो स्टील एवं आयरन कंपनियों ने ब्लॉक आवंटित करने के लिए गलत तथ्य प्रस्तुत किए. इसके साथ ही दिल्ली की कंपनियों ने कथित तौर पर हैदराबाद की कंपनी में निवेश भी किया है.'
राव 2006 से 2009 के बीच आवंटन के समय केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री थे. अधिकारियों के मुताबिक 11 जून, 2013 को इस मामले में दिल्ली और हैदराबाद में 19 स्थानों पर छापे मारे गए थे.
इनपुट: IANS