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गाय का नहीं, पीजिए कॉकरोच का दूध...होगा चार गुना फायदा

ये दूध पैसीफिक बीटल कॉकरोच से मिलता है. इस दूध में एक दुर्लभ किस्म का प्रोटीन पाया जाता है. इस खोज से जुड़े वैज्ञानिकों का तो यहां तक मानना है कि इस दूध का इस्तेमाल प्रोटीन सप्लीमेंट के रूप में भी किया जा सकता है.

पैसीफिक बीटल कॉकरोच पैसीफिक बीटल कॉकरोच
भूमिका राय
  • नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 4:46 PM IST

सबसे पहले तो आपको बता दें कि ये खोज बाहर देश के वैज्ञानिकों ने नहीं बल्क‍ि हमारे भारतीय वैज्ञानिकों ने की है. भारतीय वैज्ञानिकों का कहना है कि कॉकरोच का दूध, गाय के दूध से चार गुना फायदेमंद होता है.

ये दूध पैसीफिक बीटल कॉकरोच से मिलता है. इस खोज से जुड़े वैज्ञानिकों का तो यहां तक मानना है कि इस दूध का इस्तेमाल प्रोटीन सप्लीमेंट के रूप में भी किया जा सकता है.

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उनके अनुसार,  कॉकरोच का दूध, गाय के दूध से कहीं ज्यादा फायदेमंद है और ये एक बेहतरीन सुपरफूड है. ये इकलौती ऐसी प्रजाति है जिसके जन्मे बच्चे हमेशा जवान रहते हैं.

इस कॉकरोच के शरीर में एक ऐसा दूध बनता है जिसमें प्रोटीन क्रिस्टल्स होते हैं. जिसे ये जन्म से पहले ही अपने इंब्रॉएज को पिलाते हैं.

इस स्टडी के लेखक संचारी बनर्जी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया है कि ये क्रिस्टल कंप्लीट फूड होते हैं. इसमें प्रोटीन, फैट और शुगर की मात्रा होती है. अगर आप इसके प्रोटीन सीक्वेंस को देखें तो आप पाएंगे कि इनमें सभी प्रकार के जरूरी अमीनो एसिड मौजूद होते हैं.

प्रोटीन के कुछ और भी कई फायदे हैं. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण ये है कि यह लंबे समय तक एनर्जी के लेवल को बनाए रखता है. वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि पैसीफिक बीटल कॉकरोच के इस दूध का इस्तेमाल प्रोटीन सप्लीमेंट के रूप में भी किया जा सकता है.

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ये अध्ययन International Union of Crystallography Journal में प्रकाशित किया गया है. हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं है जब कीट-पतंगों को सुपरफूड के रूप में इस्तेमाल करने की बात कही गई है. पिछले साल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में रेड मीट की जगह कॉकरोचों को खाने की सलाह दी गई थी. शोध में कहा गया था कि प्रोटीन के लिए रेड मीट खाने से बेहतर है कॉकरोच खाना.

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