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2019: अमेठी से राहुल का चुनाव लड़ना पक्का, रायबरेली से सोनिया या प्रियंका?

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आगामी लोकसभा चुनाव अमेठी से ही लड़ेंगे, लेकिन रायबरेली से सोनिया गांधी के फिर से चुनाव मैदान में उतरने पर सस्पेंस बना हुआ है. सूत्रों के मुताबिक अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि रायबरेली से सोनिया गांधी चुनाव लड़ेंगी या फिर प्रियंका गांधी चुनाव मैदान में उतरेंगी?

प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी
राम कृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 10:49 PM IST

साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने कमर कस ली है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार भी अमेठी से ही चुनाव मैदान में उतरेंगे. वर्तमान में वो यहीं से ही सांसद हैं. हालांकि अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी साल 2019 में चुनाव लड़ेंगी या फिर उनकी जगह प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव मैदान में उतरेंगी.

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इसके साथ ही प्रियंका गांधी की राजनीतिक पारी की शुरुआत हो सकती है. फिलहाल सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद हैं. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा, 'मैं अमेठी से ही लोकसभा चुनाव लड़ूंगा. हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि रायबरेली से सोनिया गांधी चुनाव लड़ेंगी या फिर प्रियंका गांधी? इस पर अभी परिवार में चर्चा नहीं हुई.'

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में गठबंधन पर रणनीतिक सहमति बन गई है, लेकिन अभी सीटें तय किया जाना बाकी है. अगर यूपी में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा, तो बीजेपी पांच सीट भी नहीं जीत सकती.

राहुल गांधी के हवाले से सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस दो चरणों में लोकसभा चुनाव लड़ने की रणनीति बना रही है. पहले चरण में बीजेपी हराओ का लक्ष्य होगा और फिर दूसरे चरण में चुनाव नतीजे आने के बाद तय होगा कि महागठबंधन का पीएम उम्मीदवार कौन होगा?'

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उन्होंने कहा, 'मोदी अगली बार पीएम तभी बनेंगे, जब 230 से 240 सीटों पर जीत दर्ज करेंगे, लेकिन मुझे भरोसा है कि अगर गठबंधन सटीक बैठता है, तो यूपी, बिहार और महाराष्ट्र में हमें ज्यादा सीटें मिलेंगी. वहीं, मोदी को गठबंधन के सहयोगी प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगे और बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ेगी.'

शिवसेना से वैचारिक मतभेद होने से गठबंधन नहीं

इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने शिवसेना के साथ गठबंधन को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि शिवसेना के साथ वैचारिक मतभेद हैं, जिसके चलते उसके साथ गठबंधन संभव नहीं है. अगर नरेंद्र मोदी  पीएम का चेहरा नहीं होंगे, तो टीडीपी और शिवसेना बीजेपी के साथ जा सकते हैं.

इस दरम्यान राहुल गांधी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने पर तस्वीर साफ नहीं की. उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन के खिलाफ है. लिहाजा दिल्ली कांग्रेस के कहने पर ही इस बाबत कोई फैसला लिया जाएगा. फिलहाल दिल्ली में AAP और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है.

राज्यों में बिना CM चेहरा के चुनाव में उतरेगी कांग्रेस

कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में कांग्रेस बिना मुख्यमंत्री चेहरा के मैदान में उतरेगी. सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा और कांग्रेस इन तीनों राज्यों में सरकार बनाएगी. फिलहाल इन तीनों राज्यों में बीजेपी की सरकार है.

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पीएम मोदी की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से करने पर उन्होंने कहा कि मोदी की तुलना इंदिरा से नहीं हो सकती है, क्योंकि इंदिरा हमेशा गरीबों के साथ खड़ी रहीं, जबकि पीएम मोदी कुछ उद्योगपतियों के साथ खड़े नजर आते हैं.

मुस्लिम पार्टी वाले विवाद पर दी सफाई

राहुल गांधी ने कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी बताने वाले बयान पर भी सफाई दी है. उन्होंने कहा, 'अखबार बेचने के लिए मुस्लिम पार्टी के विवाद को पैदा किया गया. मैंने कहा था कि कांग्रेस अल्पसंख्यकों, किसानों, गरीबों, दलितों और सभी की पार्टी है.

इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने राम मंदिर विवाद पर यह कहते हुए कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि यह मामला अभी कोर्ट में चल रहा है. लिहाजा वो इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते.

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