तमिलनाडु में कांग्रेस-डीएमके का चुनावी गठबंधन

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेसी गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को डीएमके प्रेसीडेंट एम करुणानिधि के घर जाकर उनसे मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उन्होंने गठबंधन की घोषणा करते हुए डीएमके को 'सबसे भरोसेमंद साथी' करार दिया.

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कांग्रेस-डीएमके का चुनावी गठबंधन कांग्रेस-डीएमके का चुनावी गठबंधन

सूरज पांडेय

  • चेन्नई,
  • 13 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST

तमिलनाडु में विधानसभा चुनावों के करीब आते-आते कांग्रेस ने द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम (डीएमके) के साथ गठबंधन कर लिया है. दोनों पार्टियों ने तीन साल बाद फिर से हाथ मिलाए हैं.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेसी गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को डीएमके प्रेसीडेंट एम करुणानिधि के घर जाकर उनसे मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उन्होंने गठबंधन की घोषणा करते हुए डीएमके को 'सबसे भरोसेमंद साथी' करार दिया.

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आजाद ने कहा कि यह चुनाव डीएमके की अगुवाई में लड़ा जाएगा और इस गठबंधन को जिसमें डीएमडीके भी शामिल है, ज्यादा सीटें दिलाने की जिम्मेदारी करुणानिधि की पार्टी की है. उन्होंने यह भी कहा कि सीटों का बंटवारा और डीएमके की अगुवाई वाली सरकार जैसे मुद्दे अभी प्राथमिकता में नहीं है. अभी मुख्य लक्ष्य डीएमके को तमिलनाडु में सत्ता में लाना है.

गौरतलब है कि इन दोनों पार्टियों ने तीन साल बाद फिर से गठबंधन किया है. 2013 में डीएमके ने कांग्रेस पर श्रीलंकाई तमिलों से गद्दारी करने का आरोप लगाते हुए गठबंधन तोड़ दिया था. पिछले लगभग पांच दशकों से राज्य की सत्ता से बाहर कांग्रेस डीएमके और एआईडीएमके से साथ गठबंधन कर ही चुनाव लड़ती आई है. पार्टी ने राज्य में अकेले दम पर भी चुनाव लड़े हैं लेकिन उसे बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई है.

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