
अरुणाचल प्रदेश विधानसभा ने बुधवार को अध्यक्ष नबाम रेबिया के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया. जिन 33 सदस्यों ने महाभियोग प्रस्ताव पारित किया, उनमें 20 बागी कांग्रेस विधायक, 11 बीजेपी विधायक और दो निर्दलीय शामिल हैं.
मुख्यमंत्री नबाम तुकी और उनके मंत्री परिषद के सदस्यों सहित 27 विधायकों ने इस पूरी कार्यवाही का बहिष्कार किया. मुख्यमंत्री, उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों और 16 कांग्रेस विधायक उपाध्यक्ष टी नोरबू थोंगडोक की अध्यक्षता में हुई इस कार्यवाही से गैरहाजिर रहे.
सामुदायिक सभागार में कार्यवाही
महाभियोग प्रस्ताव की पूरी कार्यवाही एक सामुदायिक सभागार के अस्थाई स्थल पर हुई, क्योंकि कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी होने की आशंका के कारण जिला प्रशासन ने विधानसभा सचिवालय परिसर को सील कर दिया था. एक बड़े नाटकीय घटनाक्रम में विधानसभा उपाध्यक्ष थोंगडोक समेत 34 विधायक इस सत्र के लिए सामुदायिक सभागार में एकत्र हुए. ये सभी विधायक विधानसभा अध्यक्ष को हटाने की मांग कर रहे थे.
मौजूद नहीं थे अध्यक्ष
थोंगडोक ने महाभियोग नोटिस पर रेबिया का नाम पुकारा ताकि यदि वह कोई स्पष्टीकरण देना चाहें तो दें, लेकिन अध्यक्ष मौजूद नहीं थे. इसके बाद इस प्रस्ताव को मतदान के लिए रखा गया और उसका उपाध्यक्ष को छोड़कर 20 बागी कांग्रेस विधायकों, 11 भाजपा विधायकों और दो निर्दलीय विधाकयों ने समर्थन किया. इन सभी 33 विधायकों ने इस प्रस्ताव पर अपने हस्ताक्षर किए और उसके बाद उसे पारित घोषित कर दिया गया.
विधासनसभा सील, दागे गए आंसू गैस के गोले
अरुणाचल प्रदेश में 60 सदस्यीय विधानसभा है. विधानसभा परिसर के आसपास तनाव फैल गया था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने उसे सील कर दिया. पुलिस ने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस गुटों को तितर बितर करने के लिए चार आंसूगैस के गोले दागे. इन गुटों ने परोक्ष रूप से विधानसभा को घेर लिया था. दोनों पक्षों में पथराव भी हुआ, जिससे एक वाहन को नुकसान पहुंचा. ग्यारह बीजेपी विधायकों और दो निर्दलीयों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ 19 नवंबर को विधानसभा सचिव को महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया था.