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राजस्थान में जल्द फ्लोर टेस्ट करवाने के मूड में कांग्रेस, ‘निकम्मा’ कमेंट पर गहलोत को नसीहत

राजस्थान में सियासी लड़ाई अब अपने क्लाइमेक्स की तरफ आ रही है. एक तरफ हाई कोर्ट का फैसला आने वाला है तो कांग्रेस भी फ्लोर टेस्ट के मूड में है.

अशोक गहलोत सरकार का होगा फ्लोर टेस्ट? अशोक गहलोत सरकार का होगा फ्लोर टेस्ट?
मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 1:11 PM IST

  • राजस्थान में हाई कोर्ट के फैसले पर सभी की नजर
  • कांग्रेस विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने के मूड में

राजस्थान में सियासी जंग अब बगावत के बाद कानूनी रूप ले चुकी है. पिछले कुछ दिनों से हाई कोर्ट में सचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई हो रही है और आज इस पर फैसला आ जाएगा. इस बीच कांग्रेस ने अपनी ओर से हर स्थिति की तैयारी कर ली है. सूत्रों की मानें तो अगले कुछ दिनों में ही अशोक गहलोत की सरकार फ्लोर टेस्ट का दांव चल सकती है.

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भले ही अब हर किसी की नजर हाई कोर्ट के फैसले पर हो, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस जल्द ही फ्लोर टेस्ट करवाना चाहती है. ताकि इस मामले को खत्म किया जा सके.

एक वरिष्ठ नेता ने ये भी कहा कि अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को लेकर जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, वह गैरजरूरी था. इस विषय पर पार्टी हाईकमान की ओर से अशोक गहलोत को संदेश पहुंच भी गया है.

साफ कहा गया है कि वह अपने पूर्व डिप्टी सीएम के खिलाफ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. बता दें कि सोमवार को अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को निकम्मा और नाकारा कहा था.

हाईकोर्ट में सुनवाई के अपडेट्स...

सूत्रों की मानें, तो कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि अशोक गहलोत की सरकार बहुमत हासिल करने में सफल होगी. हालांकि, कांग्रेस को डर है कि अगर ये लड़ाई लंबी चली तो वह अपना किला ज्यादा देर तक नहीं संभाल पाएगी. इसलिए अब फ्लोर टेस्ट पर फोकस है.

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आपको बता दें कि राजस्थान में बहुमत के लिए 101 से अधिक विधायक चाहिए, बीते दिनों अशोक गहलोत ने 102 से अधिक विधायक होने का दावा किया था.

हालांकि, गहलोत की कोशिश सचिन पायलट गुट के कुछ विधायकों को अपनी ओर करने की थी. लेकिन अब जब आंकड़ा बहुमत के लगभग बराबर ही है तो कांग्रेस को चिंता है कि कहीं अंतिम वक्त में कोई विधायक दगा ना दे दे.

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