Advertisement

दरका कांग्रेस का किला, अमेठी में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी जीती

2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना की जाए तो कांग्रेस के हाथ से अमेठी का वोट बैंक फिसलता जा रहा है. 2014 में राहुल को 2009 के मुकाबले 25 प्रतिशत वोट कम मिले थे.

राहुल और सोनिया. राहुल और सोनिया.
आदित्य बिड़वई
  • अमेठी ,
  • 01 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST

राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र और कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली अमेठी नगर पालिका कांग्रेस के हाथ से फिसल चुकी है. ताजा रुझानों के मुताबिक, अमेठी के गौरीगंज नगर पालिका में समाजवादी पार्टी राजपति ने बसपा और कांग्रेस को पछाड़ते हुए जीत दर्ज की. वहीं, जायस नगर पालिका में बीजेपी आगे चल रही है. फ़िलहाल काउंटिंग जारी है.

राजनीतिक जानकारों की मानें तो कांग्रेस के लिए यह नतीजे हैरान करने वाले हैं. क्योंकि 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना की जाए तो कांग्रेस के हाथ से अमेठी का वोट बैंक फिसलता जा रहा है. 2014 में राहुल को 2009 के मुकाबले 25 प्रतिशत वोट कम मिले थे.

Advertisement

वहीं, विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो कांग्रेस और सपा ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. इसके बावजूद अमेठी की 5 में से 4 सीटें बीजेपी ने जीती थी और कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला था.

क्या रायबरेली भी फिसल रहा है हाथ से ?

पिछले चुनावों के नतीजे देखें तो रायबरेली भी कांग्रेस के हाथ से फिसल रहा है. विधानसभा चुनाव में यहां कि 5 सीटों में से 2 पर बीजेपी ने कब्जा कर कांग्रेस को झटका दिया था. 2014 में भले ही सोनिया जीती हों लेकिन उनका वोट बैंक कम हुआ था. उस वक्त सपा ने उनके खिलाफ कोई कैंडिडेट मैदान में नहीं उतारा था.

2014 लोकसभा चुनाव के बाद से नीचे जा रहा जीत का ग्राफ...

2014 लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस के जीत का ग्राफ नीचे जा रहा है. कई राज्यों में हार मिलने के बाद कांग्रेस अपने पुराने वर्किंग मॉडल को बदलने में लगी हुई है. हाल ही में पंजाब कांग्रेस के पाले में वापस आई है. इसके बाद माना जा रहा था कि कांग्रेस को इस जीत से नई ऊर्जा मिलेगी. आने वाले दिनों में कांग्रेस गुजरात में वापसी करने का सपना देख रही है. यही वजह है कि राहुल गांधी गुजरात में लगातार प्रचार कर रहे हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement