
देश में मोदी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोगों ने मानो कांग्रेस को संभलने का मौका दे दिया है. सीएए को लेकर हो रहे विरोध के बाद कांग्रेस अब केंद्र की मौजूदा भाजपा सरकार के साथ उसके शासन में सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी अपनी गतिविधियों को धार देने में जुटी है.
सीएए और मंदी पर केंद्र सरकार के बैकफुट पर जाते ही कांग्रेस आक्रामक हो गई है. कांग्रेस केंद्र सरकार पर बैंक घोटालों समेत बेरोजगारी पर हमलावर तो है ही, उत्तर प्रदेश में यह किसानों का बड़ा मार्च आयोजित करने की तैयारी में है
सबसे पहले तो बुधवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने सरकार पर हमला बोला.
शेरगिल ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि सूट-बूट की भाजपा सरकार लूट-खसोट के उद्योग पर ध्यान लगा रही है. कांग्रेस ने पूछा कि क्या करीब 3,592 करोड़ रुपए के फ्रॉस्ट इंटरनेशलन बैंक घोटाले में इसके निदेशकों को भगाने में भाजपा भी शामिल है? शेरगिल ने कहा कि सरकारी एजेंसियां 10 कंपनी निदेशकों को खोजने में नाकाम क्यों रही हैं?
कांग्रेस ने आक्रामक तेवर अपनाते हुए कहा कि भाजपा के राज में बैंक धोखाधड़ियों की गिनती काफी बढ़ गई है. कांग्रेस प्रवक्ता के मुताबिक, साल 2019-20 में अप्रैल से लेकर सितंबर तक बैंक धोखाधड़ियों के 5,743 मामले सामने आए हैं और गबन की गई रकम 95,760.49 करोड़ रुपे हो गई है.
कांग्रेस ने भाजपा की आर्थिक नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा कि देश में बढ़ता एनपीए और कर्जमाफी की बढ़ती दरें भाजपा का अर्थव्यवस्था का उपहार हैं.
केंद्र सरकार पर इन आरोपों के साथ ही कांग्रेस उत्तर प्रदेश में खुद को मजबूत करने में जुट गई है. और इसके लिए कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी गतिविधियां तेज कर रही है. सूबे में कांग्रेस अब किसानों की समस्याओं को सियासी हथियार बनाने जा रही है. खबर है कि किसानों की समस्या को लेकर पार्टी एक राज्यव्यापी अभियान चलाने वाली है.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, यह अभायन ब्लॉक स्तर से लेकर राजधानी लखनऊ तक चलाए जाने की योजना है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अब किसानों के मुद्दे को लेकर 'किसान जन जागरण अभियान' चलाएगी. इसके तहत किसानों से किसान मांग-पत्र भरवाकर उनकी मांग के आधार पर ब्लॉक, तहसील और जिलास्तर के अधिकारियों का भी घेराव किया जाएगा. इसके अलावा किसान आंदोलन के अंतिम चरण में राजधानी लखनऊ में किसान आक्रोश मार्च के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार से सवाल किए जाएंगे.
इस संदर्भ में गुरुवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जिला इकाई और सहयोगी संगठनों से मिलकर उनके हालात के बारे में जानेंगी और इसी आधार पर आगे की दशा-दिशा भी तय की जाएगी.
फिलहाल, सूबे के सभी जिलाध्यक्षों और नगरीय अध्यक्षों को रायबरेली में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. संभावना है कि सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भी इसमें हिस्सा लें.
जाहिर है, उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस कमर कसकर तैयार हो रही है. ऐसे में, अगले चुनाव से पहले अगर बसपा, सपा और कांग्रेस का गठबंधन तैयार हो गया तो भाजपा के माथे पर शिकनें आ सकती हैं.
-साथ में आइएनएस इनपुट
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