
महाराष्ट्र में पूर्व सीएम विलासराव देशमुख की सियासत को उनके दो बेटे आगे बढ़ा रहे हैं. नाम है अमित देशमुख और धीरज देशमुख. इस बार के विधानसभा चुनाव से लातूर सिटी और लातूर ग्रामीण सीट से दोनों ही भाइयों ने जीत हासिल की है. इस जीत का इनाम कांग्रेस आलाकमान ने इस परिवार को दिया है और अमित देशमुख शिवसेना की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बने हैं.
अमित देशमुख ने लगाई थी हैट्रिक
अमित देशमुख ने लातूर सिटी विधानसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी शैलेश गोविंद को 40 हजार वोटों से शिकस्त दी है. अमित देशमुख लगातार तीसरी बार इस सीट से किस्मत आज़मा रहे थे. इस चुनाव में उनकी हैट्रिक पूरी हो गई है. लातूर जिले में लंबे समय से देशमुख परिवार का दबदबा रहा है.
इस सीट से पहले विलासराव देशमुख और बाद में अमित देशमुख लातूर सिटी सीट से जीतते ही रहे हैं. विलासराव देशमुख इस सीट से पांच बार विधायक रहे हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में अमित के भाई और अभिनेता रितेश देशमुख ने उनके लिए चुनाव प्रचार किया था. जब चुनाव में रितेश देशमुख जीते तो रितेश ट्वीट कर पिता विलासराव देशमुख का याद किया था, और लातूरवासियों का आभार जताया था.
21 साल की उम्र से सियासत
अमित देशमुख पहले भी महाराष्ट्र सरकार में पर्यटन मंत्री भी रह चुके हैं. वे 21 साल की उम्र से ही सियासत में सक्रिय हो गए थे. उनकी कार्यशैली, तेज-तर्रार नेतृत्व क्षमता और पिता विलासराव देशमुख के प्रभाव को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें युवा कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया. वे 2002 से 2008 तक युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे. अमित देशमुख पहली बार 2009 के विधानसभा चुनाव में उतरे थे. उस दौरान वे 89, 480 वोटों से चुनाव जीते थे.
अमित देशमुख का जन्म 21 मार्च 1976 को हुआ था. 1997 में वे लातूर नगर परिषद के चुनाव में सक्रिय रूप से शामिल हुए.1999 में कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल के चुनाव प्रचार में वे शामिल हुए.