
हालिया दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले पर समीक्षा के लिए संसद की लोक लेखा समिति ने वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों समेत रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल को भी बुलाने का फैसला लिया है. वे नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा करेंगे. गौरतलब है कि संसद की इस लोक लेखा समिति की अध्यक्षता कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता के.वी.थॉमस के जिम्मे है. यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है.
जनवरी माह में होगी समीक्षा
लोक लेखा समिति ने फैसला लिया है कि अर्थव्यवस्था की समीक्षा के लिए वे रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल, वित्त सचिव अशोक लावसा और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास को अपने समक्ष जनवरी माह में बुलाएंगे. के.वी.थॉमस ने बैठक के बाद पीटीआई से कहा कि सर्वसम्मति के बाद यह फैसला लिया गया है. वे नोटबंदी के बाद भारत की अर्थव्यवस्था में आए बदलावों के मद्देनजर इन तमाम पदाधिकारियों को समिति के समक्ष बुलाएंगे.
रिजर्व बैंक गवर्नर की उपलब्धता को तरजीह
के.वी.थॉमस कहते हैं कि लोक लेखा समिति की समीक्षा बैठक में मौजूद रहने के लिए रिजर्व बैंक गवर्नर की उपलब्धता को तरजीह दी जाएगी. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी. ऐसे में अलग-अलग अनुमानों के मुताबिक नोटबंदी की वजह से चालू वित्तीय वर्ष की जीडीपी रफ्तार में गिरावट आ सकती है. हालांकि, दूसरे अनुमानों में वृद्धि दर 0.5 से लेकर 2 फीसदी तक कम रहने की बातें कही जा रही हैं.