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जम्मू कश्मीर के BJP अध्‍यक्ष का दावा- हाफिज सईद के करीबी हैं सोज और आजाद

रविंद्र रैना ने कहा, कांग्रेसी नेताओं के इस लिंक की वजह से ही आतंक के सरगना इन्‍हें मानते हैं. असल में कांग्रेस लश्कर और जैश के साथ महागठबंधन कर रही है. ताकि 2019 में मोदी को हराया जा सके.

जम्‍मू-कश्‍मीर बीजेपी अध्‍यक्ष रविंद्र रैना जम्‍मू-कश्‍मीर बीजेपी अध्‍यक्ष रविंद्र रैना
रणविजय सिंह/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2018,
  • अपडेटेड 6:45 PM IST

जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज के बयान पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. अब जम्‍मू-कश्‍मीर बीजेपी अध्‍यक्ष रविंद्र रैना ने सनसनीखेज दावा किया है. रैना के मुताबिक, सैफुद्दीन सोज और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के लिंक लश्कर-ए तैयबा चीफ हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद चीफ मौलाना मसूद अजहर से है.

रविंद्र रैना ने कहा, कांग्रेसी नेताओं के इस लिंक की वजह से ही आतंक के सरगना इन्‍हें मानते हैं. असल में कांग्रेस लश्कर और जैश के साथ महागठबंधन कर रही है. ताकि 2019 में मोदी को हराया जा सके.

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वहीं पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी सैफुद्दीन सोज और गुलाम नबी आजाद पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, 'जब यह सत्ता में होते हैं तो कश्मीर को भारत का अटूट अंग बताते हैं और जब सत्ता से बाहर चले जाते हैं तब अचानक उनको इस तरह के ज्ञान प्राप्त होते हैं. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि कश्मीर का आम युवा कांग्रेस की इस प्रकार की दोहरी राजनीति को समझने लगा है.

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस को लगता है कि मोदी जी के सामने उनके पास कोई विकल्प नहीं है इसलिए देश के खिलाफ बयान दे रहे हैं. जहां तक गुलाम नबी आजाद की बात है तो उन्हें फैसला करना होगा कि वह लश्कर के साथ हैं या भारत के साथ.'

दरअसल, सैफुद्दीन सोज ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीरी आजादी चाहते हैं. सोज़ का कहना है कि मुशर्रफ का एक दशक पहले दिया गया ये बयान आज भी कई मायनों में ठीक बैठता है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि ये आजादी मिलना मुमकीन नहीं है. मेरे बयानों का पार्टी से लेना-देना नहीं है. सोज के इस बयान के बाद से ही विवाद खड़ा हो गया है.

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आजतक के साथ बातचीत में उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि कश्मीर में अगर शांति स्थापित करनी है तो हर किसी से बात करनी होगी. उन्होंने अलगाववादी नेताओं से भी बात करने का समर्थन किया. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बयान का उनकी पार्टी कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है.

सैफुद्दीन सोज ने कहा कि कश्मीरी लोग ना हिंदुस्तान के साथ आना चाहते हैं ना ही पाकिस्तान के साथ, वो सब आजादी चाहते हैं. लेकिन ये आजादी नामुमकिन है.

आपको बता दें कि सैफुद्दीन सोज़ कश्मीर मुद्दे पर एक किताब ला रहे हैं जिसका नाम Kashmir: Glimpses of History and the Story of Struggle है. ये किताब अगले हफ्ते रिलीज़ होगी.

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