
देश में एक तरफ जहां तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट तेज हो रही है, वहीं कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी विपक्ष की एकजुटता के लिए ‘डिनर डिप्लोमेसी’ का सहारा लेने जा रही हैं. 13 मार्च को होने वाले डिनर में विपक्षी दलों के साथ ही बीजेपी से नाराज चल रहे उसके कुछ सहयोगी दलों को भी न्योता देने की तैयारी है.
सूत्रों के मुताबिक यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने विपक्ष के कई नेताओं को न्योता दिया है. 13 मार्च को डिनर पर बीजेपी को घेरने के लिए रणनीति बनाने पर विचार किया जा सकता है.
विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हम संसद में उठाए जा सकने वाले विभिन्न मुद्दों पर विचार करेंगे. साथ ही ये रास्ते भी तलाशेंगे कि कैसे बीजेपी से एकजुट मुकाबले बेहतर तालमेल कायम किया जा सकता है.’
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को भी 13 मार्च के डिनर के लिए न्योता दिया गया है, लेकिन ममता बनर्जी ने अभी तय नहीं किया है कि वो डिनर में हिस्सा लेंगी या नहीं.
इस बीच, पार्टी ने तेलुगु देशम और बीजू जनता दल से भी संपर्क किया है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘तेलुगु देशम और बीजू जनता दल दोनों बीजेपी की ओर से किए गए बर्ताव से नाराज हैं. हमने उन्हें भी न्योता भेजा है. ये बीजेपी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने की दिशा में उठाया कदम है. कोई भी जो हमारे साझा न्यूनतम एजेंडा से सहमति रखता है, उसका स्वागत है.’
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस की ये सारी कवायद 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ यूनाइटेड फ्रंट खड़ा करने की है. साथ ही पार्टी विपक्ष में अपने कुछ सहयोगियों के अगर कुछ मतभेद हैं तो उन्हें भी दूर करना चाहती है.