Advertisement

मिजोरमः क्षेत्रीय पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस-बीजेपी में गठबंधन

अमित शाह ने बीजेपी-एमएनएफ के लिए बधाई संदेश भी ट्वीट कर दिया कि दोनों दलों ने 20 में से 13 सीटें हासिल कर लीं हैं. उन्होंने इसे मिजोरम में बीजेपी के उदय से जोड़ा है. शाह ने इस संबंध में मंगलवार को ट्वीट किया था.

बीजेपी-कांग्रेस फ्लैग बीजेपी-कांग्रेस फ्लैग
नंदलाल शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 26 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:08 PM IST

मिजोरम की चकमा ट्राइबल (आदिवासी) काउंसिल में बीजेपी और कांग्रेस के नव निर्वाचित सदस्यों ने हाथ मिला लिया है, ताकि सदन को चलाया जा सके. स्थानीय कांग्रेस की पहल पर दोनों पार्टियों के नेताओं ने हाथ मिलाया है, ताकि मिजो नेशनल फ्रंट को सत्ता से बाहर रखा जा सके.

इस महीने हुए चकमा ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. इस काउंसिल की स्थापना 1972 में हुई थी, इसका मकसद बुद्धिस्ट ट्राइबल को शासन का स्वाधिकार देना था.

Advertisement

20 सदस्यीय काउंसिल में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी मात्र 6 सीटें ही जीत पाई, जबकि बीजेपी को 5 सीटें मिलीं. दूसरी ओर, एमएनएफ जो कि बीजेपी की अगुवाई वाली नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस का हिस्सा है, काउंसिल में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और इसे आठ सीटें मिलीं.

हालांकि दिल्ली में बैठे अमित शाह ने इस बारे में अपना गणित पहले ही बिठा लिया था, कि बीजेपी और एमएनएफ मिलकर सत्ता हासिल कर सकते हैं.

यही नहीं अमित शाह ने बीजेपी-एमएनएफ के लिए बधाई संदेश भी ट्वीट कर दिया कि दोनों दलों ने 20 में से 13 सीटें हासिल कर लीं हैं. उन्होंने इसे मिजोरम में बीजेपी के उदय से जोड़ा है. शाह ने इस संबंध में मंगलवार को ट्वीट किया था.

बता दें कि मिजोरम नॉर्थ ईस्ट का आखिरी राज्य है, जहां कांग्रेस सत्ता में हैं. बीजेपी की पूरी कोशिश है कि अगली बार जब राज्य में चुनाव हो, तो कांग्रेस वापस सत्ता में न आने पाए. चकमा काउंसिल 650 स्क्वॉयर किलोमीटर में बसे 45 हजार लोगों का प्रतिनिधित्व करती है, जो कि राज्य की पूरी चकमा आबादी की आधी है. चुनावों में सत्ता के लिए चकमा लोगों का समर्थन काफी मायने रखता है.

Advertisement

दूसरी ओर आइजोल से 130 किलोमीटर दूर दक्षिण में बैठे स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी नेताओं को एक अलग विकल्प के लिए तैयार कर लिया. इस डील के तहत बीजेपी नेताओं के गुट को चेयरमैन का पोस्ट मिला है, जबकि कांग्रेस के हिस्से डिप्टी का पोस्ट आया है.

बीजेपी के संती जीबन चकमा काउंसिल के चीफ एक्जीक्यूटिव सदस्य होंगे. एक चुने हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि नव निर्वाचित सदस्यों ने पहले ही एक संयुक्त विधानसंडल पार्टी का गठन कर लिया था.

हालांकि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व इससे बहुत खुश नहीं, जिस तरह उसके नेताओं ने पार्टी निर्देशों का उल्लंघन किया है.

एक बीजेपी नेता ने एनडीटीवी से कहा कि हम चकित हैं, कांग्रेस ने हमारे नेताओं को अपने पाले में करने के लिए राजी कर लिया.

कांग्रेस ने अभी तक नई काउंसिल बनाने के लि दावा नहीं किया है, एक पार्टी नेता ने कहा कि यह केवल समय की बात है.

पीटीआई के मुताबिक राज्य के खेल मंत्री और कांग्रेस नेता जोदिंत्लुंगा ने कहा कि चुनाव के बाद स्थानीय नेताओं के बीच गठबंधन पर सहमति बनी. लेकिन इस साझेदारी का न तो दिल्ली और न ही आने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में कोई असर होगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement