
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने व्हाट्सएप जासूसी कांड पर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. सोनिया गांधी ने दिल्ली में पार्टी नेताओं की बैठक में कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इजरायल के सॉफ्टवेयर पेगासस से सबकी जासूसी करवाई है. सोनिया ने कहा कि ऐसा करवाना न सिर्फ असंवैधानिक बल्कि शर्मनाक है. दिल्ली में सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं की एक अहम बैठक में कहा कि ये खुलासा बेहद चौकाने वाला है.
सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, "कई ऐसे मुद्दे हैं जिससे आप परिचित हैं, ताजा चौकाने वाला खुलासा ये है कि मोदी सरकार ने इजरायल से जो पेगासस सॉफ्टवेयर हासिल किया है उससे एक्टिविस्ट, पत्रकार और राजनीतिक शख्सियतों की जासूसी की गई और उनपर नजर रखी गई. ये काम न सिर्फ असंवैधानिक हैं, बल्कि शर्मनाक भी हैं."
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इस बैठक में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन की तैयारियों पर चर्चा हुई. मीटिंग में कांग्रेस की बैठक में पार्टी के महासचिव, राज्य प्रभारी, कांग्रेस से जुड़े संगठनों के प्रमुख शामिल रहे. कांग्रेस 5 नवंबर से लेकर 15 नवंबर तक नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रही है.
चिदंबरम का हमला
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर भी इस मामले पर सरकार पर हमला किया गया है. चिदंबरम ने कहा कि सरकार का कहना है कि वो एनएसओ ग्रुप जो कि पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती है के साथ काम नहीं करती है, जबकि एनएसओ ग्रुप का कहना है कि वो सिर्फ सरकारी एजेंसियों के साथ ही काम करती है.
सोनिया के आरोपों पर बीजेपी का जवाब
बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोनिया गांधी के आरोपों पर जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार इस मसले पर अपनी सफाई दे चुकी है. लेकिन सोनिया गांधी को ये बताना चाहिए कि जब देश में यूपीए की सरकार थी तो 10 जनपथ से किसके कहने पर प्रणब मुखर्जी की जासूसी कराई गई थी, इसके अलावा तत्कालीन आर्मी चीफ वीके सिंह की जासूसी के पीछे किसका हाथ था?
क्या है व्हाट्सएप से जासूसी का मामला
बता दें कि सोशल मीडिया कंपनी व्हाट्सएप ने इस बात की पुष्टि की कि इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस से भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकारों को स्पाइवेयर द्वारा टारगेट कर उनकी जासूसी की गई. गुरुवार को जब ये मामला सामने आया तो विपक्ष ने एक बार फिर मोदी सरकार को निशाने पर लिया, लेकिन गृह मंत्रालय ने कहा है कि ये सिर्फ सरकार को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है.