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पश्चिम बंगाल में पार्टी की करारी हार के बाद चुनाव जीतने वाले विधायकों से वफादारी बॉन्ड भरवाए जाने पर कांग्रेस आलाकमान ने नाराजगी जाहिर की है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने मंगलवार को चुनाव में जीतने वाले विधायकों से वफादारी की लिखित कसम (undertaking) ली थी.
कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी को संबोधित शपथ पत्र में सभी विधायकों को हस्ताक्षर करना था. 100 रुपये के स्टाम्प पेपर में जारी किए गए इस शपथ पत्र में विधायकों से इस बाद का वादा भी लिया गया है कि वे पार्टी विरोधी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.
क्यों नाराज है कांग्रेस हाईकमान
कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के इस काम पर नाराजगी जताई है. सूत्रों के मुताबिक, अधीर चौधरी ने बिना वरिष्ठ नेताओं को जानकारी दिए अपने स्तर पर विधायकों से यह बॉन्ड भरवाया है.
बैठक के बाद लिया गया फैसला
बताया जा रहा है कि विधायकों से इस शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कराने का फैसला पार्टी के सांसदों, जिला स्तर के अध्यक्ष और राज्य स्तर के पार्टी नेताओं ने एक बैठक के बाद लिया.
'किसी के खिलाफ गलत मंशा से नहीं है ये फैसला'
इस संबंध में जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी से वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा, 'यह कोई ऐसा बॉन्ड नहीं है जिसमें हमने किसी को हस्ताक्षर करने को मजबूर किया हो ताकि उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सके, बल्कि यह शपथ पत्र पार्टी के प्रति उनकी वफादारी काे दिखाता है.' उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में नेताओं के बीच कई बातों या फैसलों पर मतभेद हो सकता है लेकिन कोई उसकी वजह से पार्टी के खिलाफ कोई काम न करे.
ये है शपथ पत्र की मुख्य बात
विधायकों से जिस शपथ पत्र में हस्ताक्षर कराए गए हैं उसके पहले प्वाइंट में लिखा है- 'हम पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी की कसम खाते हैं.' जबकि दूसरे प्वाइंट में लिखा है- 'एक विधानसभा सदस्य के तौर पर मैं किसी भी पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं रहूंगा. यदि मैं पार्टी के किसी फैसले या नीति से सहमत नहीं हूं तो भी पार्टी के खिलाफ कोई भी बयान नहीं दूंगा.ऐसा कोई भी बयान देने से पहले मैं विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा.'
विधायक अब्दुल मन्नान ने कहा, 'इसमें कुछ भी गलत नहीं है. यह सही दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है. इससे विधायक पार्टी हितों से भटकेंगे नहीं.'