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महाराष्ट्र में नया ट्विस्ट: कांग्रेस नेता की सोनिया से मांग, शिवसेना के साथ बनाएं सरकार

महाराष्ट्र में सरकार गठन और सरकार में भागीदारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच खींचतान जारी है. इसी बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के कद्दावर नेता और सांसद हुसैन दलवई ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार बनाने पर चिट्ठी लिखी है.

सोनिया गांधी (तस्वीर- PTI) सोनिया गांधी (तस्वीर- PTI)
साहिल जोशी
  • मुंबई,
  • 02 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

  • कांग्रेस नेता दलवई ने सोनिया को लिखा पत्र
  • कहा- शिवसेना के साथ मिलकर बनाएं महाराष्ट्र में सरकार

महाराष्ट्र में सरकार गठन और सरकार में भागीदारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के बीच खींचतान जारी है. इसी बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के कद्दावर नेता और सांसद हुसैन दलवई ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को महराष्ट्र में गठबंधन सरकार बनाने पर चिट्ठी लिखी है.

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हुसैन दलवई ने सोनिया गांधी से अपील की है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), कांग्रेस और शिवसेना को मिलकर सरकार गठन करना चाहिए.

कांग्रेस सांसद ने कहा कि जहां महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी में सरकार गठन पर सहमति नहीं बन पा रही है, ऐसे में कांग्रेस, अल्पसंख्यक समुदाय के लोग, गठबंधन में हमारी सहयोगी एनसीपी और शिवसेना साथ मिलकर सरकार बनाएं.

कांग्रेस सासंद ने कहा कि इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी के चुनाव के दौरान भी शिवसेना ने हमारा साथ दिया था.

हालांकि, उन्होंने इसे निजी विचार बताया है. उन्होंने लिखा, 'सब जानते हैं कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने हमारे कई विधायक और नेताओं को अपने खेमे में शामिल कर लिया था. अगर वे सरकार बनाने में सक्षम होते हैं, तो वे फिर से और अधिक सख्ती के साथ ऐसा करेंगे. ऐसे में अगर हम शिवसेना के साथ सरकार बनाने में सक्षम होते हैं, तो इसे रोका जा सकता है और इससे हम अपने आधार को मजबूत कर पाएंगे.'

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उन्होंने कहा, विशेष रूप से, महाराष्ट्र में अल्पसंख्यक समुदाय लिंचिंग पर भाजपा सरकार के एजेंडा को लेकर अतिसंवेदनशील हैं. साथ ही देश भर में एनआरसी को लागू करने की योजना और बाबरी मस्जिद विवाद मामले पर कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी चिंतित है.

वहीं, कई मुद्दों पर शिवसेना को भाजपा से अलग देखा गया है, हालांकि अतीत में उन्होंने एक साथ सत्ता साझा की है. अगर हम मिलकर सरकार बनाएं तो ऐसा होने से रोका जा सकता है.

उन्होंने लिखा, 'हमें याद रखना चाहिए कि बीजेपी ने लगातार एक राष्ट्र, एक नेता, एक पार्टी, एक धर्म के आरएसएस के सिद्धांत का पालन किया है, लेकिन हाल के दिनों में शिवसेना का अधिक समावेशी रुख देखा गया है.

उन्होंने लिखा, मतदाताओं ने भी भाजपा को स्पष्ट बहुमत से वंचित कर दिया है, यह उनके द्वारा प्रतिपादित घृणा की राजनीति के प्रति मतदाताओं के रूख को दर्शाता है. इसलिए भाजपा को सत्ता में आने से रोकना अत्यावश्यक है. साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए सहयोगी एनसीपी को पूर्ण विश्वास में लेना होगा, तभी ऐसा निर्णय लिया जाना चाहिए.

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