
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी पार्टी में बड़ा बदलाव करने की तरफ बढ़ रहे हैं. वह सबसे बड़ा बदलाव पार्टी में संसदीय बोर्ड गठित करने का फैसला ले चुके हैं. फरवरी में इसकी घोषणा हो सकती है.
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि अभी तक शीर्ष स्तर पर जो भी निर्णय होते थे वह सीधे पार्टी अध्यक्ष का अपना निर्णय माना जाता था. समर्थकों और कैडरों में यह संदेश जाता था कि अध्यक्ष के निकटस्थ लोगों ने अध्यक्ष को मना कर यह फैसला करवाया है. इस वजह से पार्टी में गुटबाजी भी खूब होती थी. इन दिक्कतों से सबक लेते हुए राहुल गांधी संसदीय बोर्ड का गठन करने का मन बना चुके हैं. यह पार्टी की सबसे बड़ी निर्णायक बॉडी होगी. समर्थकों और कैडरों को यह संदेश जाएगा कि फैसला सभी ने मिलकर किया है न कि अध्यक्ष और उनके निकटस्थ लोगों ने यह फैसला लिया है.
गौरतलब है कि जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे उस वक्त पार्टी में संसदीय बोर्ड था जो निर्णय करता था. बाद में इस बोर्ड को भंग कर दिया गया. फिर निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष अपने राजनीतिक सलाहकार से बातचीत कर लेने लगे. राहुल गांधी इस नयी व्यवस्था में बोर्ड में युवाओं, महिलाओं तथा अनुभवी नेताओं को रख सकते हैं. जातीय समीकरण का भी ध्यान रखा जाएगा.