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कांग्रेस ने भूमि विधेयक पर अधिसूचना का रास्ता अपनाये जाने पर आपत्ति प्रकट करते हुए आज कहा कि कानून मंत्रालय ने हालांकि ऐसे किसी कदम का विरोध किया था लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार ने ऐसा किया.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘बिहार चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्ष के प्रचार कि सरकार किसान विरोधी है, को कुंद करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है.’ रमेश ने आरोप लगाया कि ये कदम ‘संसद का अपमान’ है क्योंकि एक ऐसी सरकार संसद की अवहेलना करने का प्रयास कर रही है जो सत्ता में आने के बाद सात महीने सोती रही और 2014 की समयसीमा से पहले संबद्ध कानूनों में संशोधन लाने में विफल रही.
उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ये सब जिस ढंग से कर रही है, कांग्रेस को उस पर आपत्ति है.
सरकार ने अध्यादेश का रास्ता छोडते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग एवं रेलवे कानूनों सहित 13 केन्द्रीय कानून शामिल करने के लिए ‘आदेश’ जारी किया है ताकि कानून के तहत
जिन लोगों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है, उन्हें फायदा मिल सके.
सरकार ने इस तरह रिकार्ड चौथी बार विवादास्पद भूमि अध्यादेश जारी करने की आवश्यकता को दूर किया. समझा जाता है कि एटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ऐसा आदेश जारी करने के पक्ष में थे लेकिन कानून मंत्रालय का कहना था कि भूमि कानून के दायरे में 13 कानून शामिल करने के लिए अध्यादेश ही एकमात्र रास्ता है.