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राहुल की टीम में अहमद पटेल की एंट्री, मोती लाल वोरा की जगह बने कांग्रेस के कोषाध्यक्ष

कांग्रेस में कई वरिष्ठ नेताओं को राहुल गांधी ने नई जिम्मेदारी सौंपी है. सोनिया गांधी के करीबी नेता अहमद पटेल को पार्टी कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

कांग्रेस पार्टी की कमान राहुल गांधी के हाथों में सौंपे जाने के बाद से पार्टी संगठन में लगातार बड़े बदलाव किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को कई बड़े नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई. सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव रहे अहमद पटेल को कोषाध्यक्ष का कार्यभार सौंपा गया.

अहमद पटेल का आज जन्मदिन है. इस मौके पर राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी की अहम जिम्मेदारी सौंपी है. इस जिम्मेदारी को लंबे समय से पार्टी के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा देख रहे थे. इसके अलावा भी कई नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आनंद शर्मा को कांग्रेस विदेश प्रकोष्ठ के प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी है. आनंद शर्मा राज्यसभा के सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. मनमोहन सरकार में शर्मा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री रह चुके हैं. वे राज्यसभा में विदेश और आर्थिक मामलों में लगातार मोदी सरकार को घेरते रहे हैं.

इसके अलावा लुजीनो फलेरो को महासचिव इंचार्ज नार्थ ईस्ट स्टेट्स बनाया गया. इसके अलावा मीरा कुमार को कांग्रेस कार्यसमिति का स्थाई सदस्य बनाया गया.

सोनिया गांधी के हाथों में जब कांग्रेस की कमान थी, उस पार्टी में अहमद पटेल की तूती बोला करती थी. अहमद पटेल का ये कद सिर्फ़ इसलिए नहीं है कि वो तीन बार लोकसभा में कांग्रेस के सांसद रहे और पांचवीं बार कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा सांसद हैं बल्कि कांग्रेस के सबसे शीर्ष परिवार यानी गांधी परिवार के प्रति उनकी वफ़ादारी का नतीजा था कि सोनिया गांधी ने उन्हें अपना राजनीतिक सलाहकार बनाया था.

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राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद से वे पार्टी से साइड लाइन माने जा रहे थे. हालांकि कांग्रेस की नई कार्यसमिति में उन्हें राहुल ने सदस्य बनाया था. इसके बाद अब उन्हें पार्टी के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. कांग्रेस के हाथों से सत्ता निकल जाने के बाद से लगातार पार्टी के चंदे में कमी आई है. ऐसे में पटेल के सामने सत्ता से बाहर रहते हुए पार्टी के खजाने में इजाफा कराने की बड़ी चुनौती होगी.

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यूपीए सरकार के दौरान राजीव गांधी फाउन्डेशन को बजट से 20 करोड़ रुपए का फंड दिलाया लेकिन सोनिया गांधी ने इसे अस्वीकार कर दिया था. इसके बाद अहमद पटेल के कंधों पर राजीव गांधी फ़ाउन्डेशन के लिए फंड इकट्ठा करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसे उन्होंने बाखूबी तरीके निभाया था.

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